9महीने में 38 करोड़ की शराब पी गयें शरावी 34 दुकानों में बिकी अड़सठ लाख लीटर से ज्यादा की देशी बिदेशी मदिरा

सीधी ।। जिले में संचालित सरकारी ठेके की शराब दुकानों से आबकारी विभाग नें 38 करोड़ से ज्यादा की मदिरा बिक्री कर शासन के खाते में राजस्व जमा कराया है। 40 करोड़ के दिये गये लक्ष्य से महज 6प्रतिशत पीछे तो रह गया है लेकिन गत वर्ष की तुलना में ज्यादा की वसूली तो हुई पर शराब सेवन करने वालों की संख्या में भी इजाफा हो गया है, इससे युवा तबका से लेकर बड़े बुढ़े तक शराब के आदी हुए हैं। हॉं शासन को राजस्व देनें में सीधी जिला प्रमुख स्थान रख लिया है, यह हम नहीं बल्कि आबकारी विभाग से मिले शराब बिक्री के ऑकड़े कह रहे हैं। ऑकड़ों पर नजर दौडायें तो दुकानें तो कुल 34 हैं, जिसमें 22 देशी मदिरा की हैं तो 12 अॅग्रेजी बिदेशी शराब की दुकानें हैं यह अलग बात है कि गॉव गॉव मोहल्ले मोहल्ले में शराब की बिक्री ठेका की दुकान में जाने वाली शराब की होती है। इन अवैध दुकानों की धर पकड़ भी होती है जिनका चलान करा जुर्माना के माध्यम से भी राजस्व शासन के खाते में जमा कराया जाता है।

गत वर्ष की अपेक्षा बीस प्रतिशत की हुई वृद्वि 

जिले के 34 शराब को संचालित करने के लिये गत वर्ष 2018-19 में 480014497 लाख में ठेका हुआ था, इन्ही दुकानों में शराब बिक्री के लिये शराब प्रेमियों के खरीदी को देखते हुए जिले के ठेकेदारों नें बोली बीस प्रतिशत बढाकर ली है। जिसमें 576017396 लाख में दुकानें ली गई हैं जहॉ से मदिरा प्रेमियों को मदिरा की बिक्री कर के खुद और सरकार को मुनाफा पहुॅचा रहे हैं। खपत की स्थिती को देखा जाये तो 2018-19 में 670893 प्रू. लीटर शराब बिक्री हुई थी 19-20 के सत्र में जब चार महीनें शेष बचें हो तब 705966.75 प्रू लीटर शराब की बिक्री हुई है कुल मिलाकर यह कह दिया जाये कि खरीददारों की संख्या में कुल पॉच प्रतिशत की बृद्वि हुई है, यह ऑकड़ा सरकारी दुकानों से हुई शराब की बिक्री के आधार पर दिया गया है जबकि गली मुहल्ले सहित अवैध रूप से बिक रही शराब के ऑकड़े मौजूद नहीं है यदि उन्हे जोड़ दिया तो शराब प्रेमियों की संख्या 70 प्रतिशत से ज्यादा पहुॅच जायेगी।

पॉच सौ से ज्यादा प्रकरण न्यायालय पहुॅचें

जिले में संचालित ठेके की दुकानों के अलावा अवैध रूप से बिक्री करने वाले लोगों पर अपराध पंजीवद्व कर के न्यायालय में प्रकरण पेश किये गये हैं, विभागीय सूत्रों की मानें तो वर्ष 2018-19 में पॉच सौ नौ प्रकरण पेश किये गये थें साथ ही तीन सौ आठ प्रकरण विभागीय तौर पर पेश किये गये थें इस सत्र में पॉच सौ उन्नीस अन्य प्रकरण दर्ज हुए हैं तो तीन सौ अड़तिस विभागीय प्रकरण पेश किये गये हैं कुछ का निराकरण हो गया है तो ज्यादा प्रकरण न्यायालय में अभी भी विचाराधीन पड़े हुए हैं। न्यायायल में प्रकरण पेश करने के मामले में भी वृद्वि हुई है। गत वर्ष की तुलना में पॉच प्रतिशत ज्यादा प्रकरण न्यायालय निर्णय के लिये भेजे गये हैं।

जगन्नाथ किराड़े, जिला आबकारी अधिकारी सीधी ने कहा कि शासन नें जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसके करीब पहुॅच गयें हैं अभी तीन माह का पूरा पूरा समय बकाया है, समय से राजस्व की वसूली भी हो जायेगी और दुकानों की निगरानी भी हो जायेगी, इससे राज्य सरकार के राजस्व में इजाफा भी होगा। 

रिपोर्टर

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