चिकन व मटन दुकानदार को लेना पड़ेगा लाईसेंस अन्यथा होगी कार्रवाई - पशुसंवर्धन विभाग ठाणे।
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Feb 11, 2020
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भिवंडी ।। ठाणे शहर व ग्रामीण भागों में मटन व चिकन के व्यवसायियों द्वारा मनमाने तरीके से व्यवसाय करने की शिकायतें जिला परिषद कार्यालय के पशु संवर्धन विभाग को प्राप्त हुई थी.वही पर मांस, चिकन,
मटन का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों द्वारा किसी प्रकार का लाईसेंस पशुसंबर्धन विभाग द्वारा नहीं लिया जाता हैंं.जिसकेे कारण जिला परिषद ठाणे के साथ ही शासन को भारी मात्रा में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं.नागरिकों को इन दुकानदारों द्वारा मनमानी भाव से छुटकारा दिलाने के लिए पशंवर्धन विभाग ने सभी दुकानदारो को परवाना लेने के लिए फरमान जारी किया हैं.इसके साथ ही परवाना नही लेने वाले दुकानदारो पर कार्रवाई करने का आदेश भी सयुक्त बैठक ने दिया गया हैं.
गौरतलब हो कि ठाणे जिला के अन्य शहरों में बकरे का मटन व मुर्गा चिकन के दुकानदारो ने मनमाने भाव से मांस की बिक्री कर रहे हैं.इन दुकानदारो पर अंकुश लगाने हेतु कोई भी सरकारी यंत्रणा काम नहीं कर रही हैं.जिसके कारण दुकानदारों द्वारा नागरिकों को लूटा जाता हैं.वही पर इन दुकानदारो द्वारा पशु सवंर्धन विभाग का बिना लाइसेंस लिए ही व्यवसाय चलाया जाता हैं.जिससे शासन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.जिला परिषद ठाणे के पशु सवंर्धन विभाग ठाणे व दुग्धशाला समिति के सयुक्त बैठक में सभी दुकानदारों का लाईसेंस लेने का ठहराया पास किया गया हैं.
जिला परिषद ठाणे में भिवंडी, कल्याण, मुरबाड,शाहपुर आदि शहरों का समावेश हैं.इन शहरों में चिकन,मटन के दुकानदारों द्वारा बिना लाइसेंस लिये ही व्यवसाय किया जाता हैं इस प्रकार का प्रश्न समिति के बैठक में उपस्थित हुआ था.जिसके कारण सभी तालुका के पशुधन विकास अधिकारी व पशु वैद्यकीय अस्पतालों में कार्यरत सभी पशुधन पर्यवेक्षकों को अपने अपने क्षेत्रों में मटन , चिकन के दुकानदारों को तत्काल नोटिस देने तथा उनका लाईसेंस प्रकिया शुरू करने का आदेश जारी किया हैं.इसके साथ ही सभी चिकन, मटन व्यवसायियों का मोबाइल नंबर, दुकान की जगह, दुकानदार का ब्यौरा आदि का भी उल्लेख करना अनिवार्य हैं. जिसके कारण जिला परिषद का उत्पन्न हो सके.इस प्रकार का आदेश कृषि पशु संवर्धन व दुग्धशाळा समिती सभापति किशोर जाधव ने अपने निवेदन पत्र में दिया हैं.वही पर कोई दुकानदार लाईसेंस लेने से इनकार किया तो उसके खिलाफ कानूनी प्रकिया पूरी कर फौजदारी का मामला दर्ज करवाया जायें इस प्रकार का फरमान पशुसंवर्धन समिति द्वारा जारी किया गया हैं.
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