लाक डाउन के उल्लंघन पर एक दिन में 32 मामले दर्ज
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Apr 03, 2020
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भिवंडी।। कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव रोकने के सरकार ने पूरे देश में 14 अप्रेल तक लाक डाउन कर दिया हैं. इसके साथ ही देशभर में धारा 188 भी लागू किया गया है ।
लॉकडाउन में सुनसान सड़कों पर बिना कारण घुमने वालो के खिलाफ भिवंडी पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए एक दिन के भीतर विभिन्न थानों में 32 मामले दाखल किये हैं वही पर भिवंडी पुलिस गल्ली मोहल्ले में गश्त तेज कर दी. नुक्कड़ तथा गलियों में झुंड के रूप में खड़े लोगो पर जमकर लाठियां भी भांजी जा रही हैं.भिवंडी शहर पुलिस स्टेशन 08,भोईवाडा पुलिस स्टेशन 17, निजामपुरा पुलिस स्टेशन 04,शांतिनगर पुलिस स्टेशन 01, कोन गांव पुलिस स्टेशन ने 02 कुल 32 लोगो के खिलाफ एक दिन के भीतर भादंवी के कलम188 प्रमाणे मामला दर्ज किया हैं. कुल एक दिन के अंदर 32 मामले दर्ज किये जाने से नागरिकों में भय का वातावरण निर्माण हुआ हैं इस प्रकार की जानकारी भिवंडी पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने दिया हैं।
गौरतलब हो कि देश में तेजी से पांव पसारते कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में 21 दिनों तक लॉकडाउन कर दिया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 24 मार्च 2020 की रात 12 बजे से लॉकडाउन लागू होने की घोषणा की थी. इसके साथ ही पूरे देश में धारा 188 भी लागू हो गई थी ।
क्या है धारा 188 ? इसके क्या नियम हैं. किस कानून के तहत लागू किया गया है लॉकडाउन :
भिवंडी शहर पावरलूम उद्योग की नगरी हैं इसके साथ ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के लिए भिवंडी शहर जाना जाता हैं.मजदूर तबका लोग होने के कारण लाक डाउन व धारा 188 क्या है इसके बारे में जानकारी नहीं हैं. आज पाठकों को हिन्दी समाचार के माध्यम इसकी जानकारी दी जा रही हैं ।
सबसे पहले जान लें कि कोरोना वयारस से लड़ने के लिए लॉक डाउन की घोषणा महामारी कानून ( Epidemic Diseases Act, 1897) के तहत लागू किया गया है. इसी कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर लॉक डाउन में सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है तो उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC - Indian Penal Code) की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।
क्या है IPC Secion 188:
1897 के महामारी कानून (Mahamari Act) के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है सरकार / कानून के निर्देशों / नियमों को तोड़ता है.तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आपके खिलाफ ये धारा लगाई जा सकती है ।
क्या है महामारी एक्ट जिसे Corona various से लड़ने के लिए इस्तेमाल कर रही है सरकार:
यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो.अगर आपको सरकार द्वारा जारी उन निर्देशों की जानकारी है फिर भी आप उनका उल्लंघन कर रहे हैं तो भी आपके ऊपर धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ।
क्या मिल सकती है सजा :
IPC की धारा 188 के तहत दो प्रावधान हैं पहला - अगर आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है तो आपको कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है ।
दूसरा - अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है. तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC 1973) के पहले शेड्यूल के अनुसार दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है और कार्रवाई किसी भी मैजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है ।
इसलिए शहर के नागरिकों से हिन्दी समाचार के माध्यम से आह्वान किया जाता हैं कि लाक डाउन का पालन करें.बिना कारण घर के बाहर नही निकले. अपनी रक्षा , परिवार की सुरक्षा के साथ देश की सुरक्षा में आपको सहयोग देना हैं.अन्यथा बिना कारण आप मुसीबत में फंस सकते है. घर पर ही रहें सुरक्षित रहें ।
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