बैंको के सामने सोशल डिस्टेन्श की लोग उडा रहे धज्जियां

सीधी से संतोष जायसवाल की रिपोर्ट

सीधी ।। जहां पूरा देश कोरोना 19लाइलाज बीमारी के कहर से परेशान है।सम्पूर्ण देश लाक डाउन का पालन कर रहा है उसी तरह जिला सीधी के कुसमी मे खण्ड प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण लाक डाउन पालन कराने की कवायत जोरो पर चल रही है।किन्तु कही न कही ऐसी तस्वीरे निकलकर सामने आ रही है जो लाकडाउन के उलघ्घन के साथ साथ साथ शोसल डिस्टेन्शन की धज्जियां उड रही है।वहां प्रशासन के पूरा किये कराये पर पानी फिर रहा है।हम कुसमी मुख्यालय के दो प्रमुख बैंक यूनियन वैकं आफ इंडिया तथा मध्यान्चल वैक कुसमी की बात कर रहे है जहां देखा यह जा रहा है कि आने वाले लोग शोसल डिस्टेन्श का पालन नही कर पा रहे है और बैकं के सामने भारी संख्या मे लोगो की भीड देखी जा रही है।हलाकि बैकं प्रबंधन द्वारा अंदर तो एक एक व्यक्ति को ही बुलाया जा रहा पर बाहर के भीड पर वो भी काबू करने मे असफल हो जाया करते है।अब जिम्मेदार अधिकारियो की बात करे तो आते जाते समय वो भी भीड को तितर वितर तो कर देते है पर सक्षम अधिकारियो के जाने के बाद स्थिति पुनः उसी तरह हो जाया करती है।ऐसे मे खण्ड प्रशासन का ध्यान फिर एक बार आकृष्टि कराया जा रहा है लाकडाउन का पालन करने बाले लोगो की उम्मीदे है कि प्रशासन कोई तरकीव जरूर निकालेगा।

जनधन के खाते की राशि निकालने पहुच रहे लोग

जिले के कुसमी मुख्यालय मे स्थित बैको मे पहुच रहे लोगो से जब जानकारी ली तो अधिकतर लोग पी एम जनधन मे आयी राशि को निकालने बैंक पहुंच हुये है और पहुच रहे है।वही वुजुर्गो को लेकर पेन्शन निकलवाने अधिकतर भी लोग यहा पहुच रहे है जिससे भीड की स्थिति निर्मित हो रही है।हलाकि प्रशासन द्वारा जगह जगह चेकिंग लगाकर पूछताछ जारी है पर बैकं के नाम बताने मे उनको जाने दिया जा रहा है।यदि मजदूरी भुगतान पेन्शन कियोस्क वाले लोगो को वही भुगतान हो जाये तो बैकं मे भीड नही लगेगी।मगर कियोस्क बाले गांव मे दुकाने न लगाने की बजाय मुख्यालय मे काम कर रहे है।

कियोस्क बैंको पर लगाम कसने की जरूरत

कुसमी ही नही बल्कि पूरे जिले के गावों मे संचालित कियोस्क बैंको पर यदि नजर दौडाये तो उनका स्थान कही और पर वो किसी अन्य स्थान पर कियोस्क खोलकर संचालित किये हुये है।शासन का प्रमुख उद्देश्य यह था कि गांवो मे संचालित ये कायोस्क गांवो मे मेहनत मजदूरी पेन्शन के लोग इन वैको से लाभान्वित होगे किन्तु जमीनी हकीकत यह बताई जा रही है कि कियोस्क सेन्टर बडे सेठ साहूकारो तथा कर्मचारियो अधिकारियो के पैसे निकाल रहे है।यदि गंभीरता से बैकं जांच करे तो बहुत तो ऐसे कियोस्क सेन्टर है जो है तो पर उनका कही अता पता ही नही है।ऐसे मे शासन के बनाये सारे नियम कायदो की धज्जियो उड रही है।बैकं प्रवंधनो को अपने कियोस्क पर लगाम कसने तथा ग्रामीणो को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुचाने की आवश्यक्ता है।जिससे लाक डाउन के हालातो पर लोगो को भीड लगाने कि आवश्यकता न पडे।

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