निःशब्द हूं, स्तब्ध हूं - पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह
- Lalu Yadav, Reporter Bihar
- Oct 06, 2020
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जमुई से टेकनारायण कुमार की रिपोर्ट
जमुई ।। बिहार में सियासी हलचल तेज है. टिकट का बंटवारा भी शुरू हो गया है. जमुई की चकाई विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह दुखी हैं. सुमित कुमार सिंह ने कहा कि निःशब्द हूं, स्तब्ध हूं. स्पष्ट हो गया कि प्रचलित राजनीति अब सिर्फ तिल-तिकड़म का अखाड़ा रह गया है.यहां चंद लोग लोकतंत्र को अपनी चेरी बनाकर रखना चाहते हैं. क्या मुझे ऐसी राजनीति करनी चाहिए? लेकिन मुझ से इस जन्म में ऐसी गन्दी राजनीति नहीं हो सकती है. मैं मिट जाऊंगा लेकिन ऐसी सियासत कदापि नहीं करूंगा. सियासत मेरा शौक नहीं है. कुछ कर गुजरने का जरिया है, सोनो-चकाई, जमुई जिला और अंग क्षेत्र को एक नई ऊंचाई देने का माध्यम मात्र है. इसका निर्वाह अगर जब नहीं होगा तो वैसी सियासत से मेरा दूर-दूर तक वास्ता न है, न रहेगा ।
सुमित कुमार सिंह ने कहा कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है? हर बार मेरा टिकट ही क्यों काटा जाता है? मुझे दलीय उम्मीदवारी से वंचित कर जनतंत्र को हरण करने का खेल कौन करता है? क्या जनता जनप्रतिनिधि तय करेंगे या, चंद परजीवी चीलर किस्म के नेता? मेरे साथ जनता का जो स्नेह संबंध है उससे किन हवा हवाई नेताओं को जलन होती है, यह आप जानते हैं! जनता से मेरा रिश्ता इन्हें बेचैन कर दे रही है, तो क्या मैं इससे अपना स्वभाव बदल लूं? क्या यह मेरा अपराध है? क्या यह मेरी गलती है कि मैं जनता जनार्दन को जनतंत्र का असली मुखिया मानता हूं? क्या यह मेरा अपराध है कि मैं गणेश परिक्रमा के बजाय जनता के बीच मर-मिटने को अपना जीवन धर्म मानता हूं? क्या यह मेरा अपराध है कि विकास को राजनीति का आधार मानता हूं? क्या यह मेरा अपराध है कि मैं जाति-धर्म से परे राजनीति करता हूं? क्या यह मेरा जुर्म है कि मैं अपने चकाई-सोनो को सबसे आगे देखना चाहता हूं?
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