टोरेंट पावर कंपनी के अधिकारियों पर अनुसूचित जाति व जनजाति कायदा सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज

भिवंडी।। भिवंडी शहर तथा ग्रामीण परिसर में बिजली की आपूर्ति तथा बिल वसूल करने वाली ठेका टोरेंट पावर कंपनी ने लिया है.कंपनी के अधिकारियों ने कंपनी के एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने तथा जाति वाचक गाली देने के शिकायत पर नारपोली पुलिस ने पांच अधिकारियों के खिलाफ  भारतीय दंड संहिता के कलम  323,504,109,34 सहित अनुसूचित जाति व जन जाति कायदा कलम 3 (1) अनुसार प्राथमिकता दर्ज कर लिया है जिसकी जांच सहायक पुलिस आयुक्त ( पूर्व विभाग) ढोले कर रहे है।

◾कर्मचारी को दिया गया था जान से मार देने की धमकी:
बिजली आपूर्ति तथा बिल वसूल करने वाली टोरेंट पावर कंपनी में नितिन रायबोले नामक व्यक्ति लगभग 10 वर्षों से टेक्नीशियन पद पर काम करता था.इसके साथ - साथ वह महाराष्ट्र नव निर्माण कामगार सेना के उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए मजदूरों के हक्क संबंधी विभिन्न सामाजिक कार्य भी करते है.इनके कार्यों से नाराज़ होकर कंपनी में कार्यरत अधिकारीगण जान बूझकर दुर्व्यवहार करना, मारपीट कर गाली गलौज देना तथा परेशान करना आम बात थी.यही नहीं बकायदे 24 अक्टूबर को ड्यूटी के दौरान इनके साथ मारपीट की गयी तथा मां बहन के खिलाफ अश्लील गाली देते हुए जाति सूचक  गाली भी दिया गया तथा शिकायत की तो जान से मरवा देने की धमकी दिया गया.इस घटना को उन्होंने अपने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियो सहित कार्यकर्ताओं को अवगत करवाया.जिसके कारण महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भिवंडी शहराध्यक्ष मनोज गुलवी, महिला आघाडी सेना के जिला अध्यक्ष सौ.कामिनी खंडागले, उपशहराध्यक्ष अध्यक्ष  प्रवीण देवकर,सिद्धार्थ खाने,महेश धुमाल, विभाग अध्यक्ष सुरेश तौटी, कुमार पुजारी, कुणाल अहिरे , अभिजित तांबे, सहसचिव सुनील नाईक, हर्षद चौधरी आदि ने प्रत्यक्ष रुप से नारपोली पुलिस स्टेशन जाकर कंपनी के अधिकारी हर्षवर्धन पालवे,उमंग दलाल,अभिजीत काले,जयकर शेट्टी सहित प्रकाश सजनान कुल 05 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाया है।

◾मनसे पदाधिकारी द्वारा किया गया झूठी शिकायत:
इस संबंध में कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी चेतन बादियानी से संपर्क करने उन्होंने बताया कि नितिन रायबोले नामक व्यक्ति कंपनी में 10 वर्षों से टेक्नीशियन पद पर काम करता था.कंपनी के कामकाज में लापरवाही सहित अन्य प्रकार की शिकायतें आने के बाद जिसकी जांच कराकर दोषी होने के कारण वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपा गया था.अपने ऊपर हो रही कार्रवाई होने के कारण रायबोले ने कामगार न्यायालय में याचिका दाखल कर शिकायत दर्ज करवाया था.जिसे न्यायालय ने 12 फरवरी 2020 को रद्द कर दिया.जिसके पश्चात उन्होंने औद्योगिक न्यायालय में याचिका दाखल किया.लेकिन 10 सितम्बर 2020 को यहाँ भी याचिका रद्द हो गयी थी.कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने तथा कंपनी की बदनामी के कारण कंपनी प्रबंधक ने 24 अक्टूबर 2020 को इन्हे बर्खास्त कर दिया है.जिससे नाराज़ होकर टोरेंट पावर के अधिकारियों के खिलाफ नारपोली पुलिस स्टेशन में झूठा केस दर्ज करवाया है।

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