राजस्थानी कलाकारों ने मंदिर को भव्य रूप दिया

भदोही । हृदयस्थली में बसा मां दुर्गा जी का अति प्राचीन मंदिर के पुनः निर्माण, सुंदरीकरण के कार्य मे लगे हुनरमंदो ने मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा दिया जिस पर निर्माण समिति के सदस्यों ने राजस्थान शहर के जिला नागौर कुचामन सिटी के हुनरमंद गोविंद कुमावत नारायण कुमावत महेश बावरिया राजू कुमावत को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया। इस दौरान नगर के तमाम सम्मानित जन भी मंदिर में उपस्थित रहे ज्ञात हो कि मां दुर्गा जी का अति प्राचीन मंदिर जो लगभग दो सौ वर्षों पहले नगर के बीचो-बीच सदर मोहाल में स्थापित किया गया था। जानकारी के अनुसार उक्त मां दुर्गा की प्रतिमा जो काले पत्थर की थी उक्त मूर्ति के खंडित होने पर बघेल परिवार के पूर्वजों ने मां दुर्गा जी के नए मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई वही कई वर्षों पहले नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन मुन्नी लाल विश्वकर्मा द्वारा भी मंदिर के सुंदरीकरण का कार्य कराया गया था और मंदिर के देखरेख में नगर के तमाम भक्तगण सदैव से अपना सहयोग देते रहे हैं जबकि मंदिर में पूजन पाठ की जिम्मेदारी महेश पंडा और उनके तमाम परिजनों के द्वारा किया जा रहा है बीते कुछ वर्षों पहले मंदिर के जर्जर हो जाने की स्थिति में नगर के प्रमुख समाजसेवी सतीश चंद गुप्ता, शिवशंकर कौशल, भोलानाथ केसरवानी सहित अन्य लोगों द्वारा जन सहयोग से मंदिर का पुनः निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया गया। पुनः निर्माण में प्रमुख समाजसेवी निखिलेश मिश्रा सहित ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्रा और भोला नाथ शुक्ला के सहयोग के साथ-साथ नगर के सैकड़ों भक्तों ने सहयोग प्रदान कर मां दुर्गा मंदिर के भव्यता में अपनी सहयोग दिया। मां दुर्गा के प्राचीन मंदिर पर हर वर्ष दोनों नवरात्र पर नौ दिनों तक विशेष पूजा पाठ, हवन, महाआरती संपन्न कराई जाती है। जबकि मान्यताओं के अनुसार नगर में होने वाले हर विवाह में वर मां दुर्गा का आशीर्वाद लेकर ही बारात प्रस्थान करता है और हर नवदंपत्ति मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर ही अपने वैवाहिक जीवन का शुरुआत करते हैं।  कहा जाता है कि सच्चे मन से मां से मांगी हर मुराद मां पूरी करती हैं और इन्हीं मान्यताओं के आधार पर मुराद पूरी होने पर दूर-दूर से भक्तगण मां को हलवा पूरी का भोग चढ़ाने भी समय-समय पर आते हैं वर्तमान समय में मां दुर्गा मंदिर अपनी भव्यता के साथ अपनी सुंदरता के लिए भी सराहा जा रहा है जिसमें राजस्थान के हुनरमंदो का विशेष योगदान रहा है तीन वर्षों तक दिन रात मेहनत कर उक्त मंदिर को भव्यता प्रदान करने में जितना हुनर मंदो का परिश्रम रहा है उतना ही तमाम भक्तों का सहयोग सराहनीय रहा है जिनके सहयोग से मां दुर्गा मंदिर को भव्यता प्रदान किया गया।

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