कानून कि धज्जियाँ उडा रहे हैं शराब के ठेकेदार

शुबह से लेकर आधी रात तक जमकर बिकते हैं शराब

सर्वेश यादव की रिपोर्ट

वाराणसी । हरहुआ क्षेत्र मे सुबह से ही जमकर शराब कि दुकानों पर जम जाता है भीड़ खुब होता हैं पीने पी लाने काम नियम ताख पर बताया जाता हैं कि शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं जहां दिन ढलते ही मयखाने न सज जाते हों। नियमानुसार बार और मॉडल शॉप को छोड़ कहीं भी शराब पीने-पिलाने की इजाजत कानून नहीं देता। लेकिन इस धर्मिक शहर की हालत यह है कि प्रायः हर अंग्रेजी व देशी शराब तथा बीयर की दुकानों पर लोग खड़े हो कर क्या आराम से बैठ कर चखना के साथ पैग पर पैग चढाते मिल जाएंगे। यही वजह है कि शराब की दुकानों के पास दान-भुजना से लेकर चाट-पकौड़ी तक के ठेल व खोमचे वालों की दुकानें सजी रहती हैं। चाहे वह हरहुआ हो , शिवपुर, महमूरगंज हो, लक्सा, मिंट हाउस हो, सोनिया हो। यानी जहां कहीं भी अंग्रेजी / देशी शराब और बीयर की दुकाने साथ-साथ हैं वहां तो ऐसा माहौल होता है मानों लाइसेंसी बार खुला है। हरहुआ के पंक्रोशी पर  देशी शराब, व हरहुआ के करोमा पंचक्रोशी मार्ग पर अंग्रेजी शराब और बीयर तीनों ही दुकानें हैं। इन तीनों दुकानों पर जमकर होता हैं भीड़। लेकिन शाम के समय कोई जा के देखे पंक्रोशी मार्ग का हाल। कमोबेश यही हाल है।कि बीच सड़क पर लोग गाड़ी पार्क कर पीने-पिलाने में मशगूल रहते हैं।इसी सडक़ पर छात्र एवं छात्रोँ का आना जाना लगा रहता हैं। पंक्रोशी मार्ग पर न जाने कितने नामी गामी व विघायल चलते इसका असर विघायल औंर कालेजों पर असर पड़ता है। 


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