बंगाल चुनाव: TMC में शामिल हुए यशवंत सिन्हा, अटल सरकार में थे वित्त मंत्री

कोलकाता :-पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा शनिवार को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने कोलकाता में स्थिति टीएमसी के दफ्तर में पार्टी ज्वाइन की।पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले यशवंत सिन्हा ने यह फैसला लिया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही मोदी सरकार के आलोचकों में से एक रहे हैं।टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश आज अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। लोकतंत्र की मजबूती लोकतंत्र के संस्थानों में होती है। न्यायपालिका समेत ये सभी संस्थान अब कमजोर हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अटलजी के समय में बीजेपी आम सहमति में भरोसा करती थी, लेकिन आज की सरकार कुचलने और जीतने में भरोसा करती है। अकाली, बीजेडी ने भाजपा साथ छोड़ दिया, आज बीजेपी के साथ कौन है?


ऐसे में इस बात की संभावना है कि वह टीएमसी से जुड़ने के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करेंगे। कई बार वह आर्थिक मामलों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। 2014 से 2019 के दौरान उनके बेटे जयंत सिन्हा वित्त राज्यमंत्री थे, लेकिन उस दौरान भी उन्होंने कई बार पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी।


यशवंत सिन्हा के बारे में जानें


यशवंत सिन्हा मुख्य रूप से पटना के रहने वाले हैं। वहीं, इनकी पढ़ाई लिखाई भी हुईं। 1958 में राजनीति शास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद  1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहते हुए 24 साल से अधिक तक सेवा दिए। इसके बाद यशवंत सिन्हा ने 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए। चार साल बाद 1988 में उन्हें राज्य सभा सदस्य चुना गया। वहीं, मार्च 1998 में अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में उनको वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। लोकसभा में यशवंत सिन्हा बिहार के हजारीबाग जो कि अब झारंखड में है, क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हजारीबाग सीट से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, अगले साल ही 2005 में वे फिर संसद पहुंचे। इसके बाद साल 2009 में वे बीजेपी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

रिपोर्टर

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