
भूख से तड़प रहे गोवंश, गौशाला बनी छलावा, सरकार के दावे तार - तार
- देवराज मिश्र, ब्यूरो चीफ अयोध्या
- Apr 29, 2021
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मिल्कीपुर, अयोध्या ।। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जहां एक ओर समूचा देश एवं प्रदेश जंग लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट गौशाला में संरक्षित गोवंशों के रखरखाव को शायद भूल चुकी है, जिसका परिणाम है कि गौशाला में कैद गोवंश भीषण तपिश और गर्मी के बीच भूख से बिलबिला रहे हैं। उनकी देखरेख में लगे जिम्मेदारों भी शायद अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों की सुध नहीं हैं।
हिन्दी समाचार अयोध्या की पड़ताल में मिल्कीपुर ब्लॉक स्थित गौशालाओं की हकीकत सामने आई । वर्तमान परिवेश में जहां समूचा प्रदेश वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को लेकर पूरी तरह से परेशान है और आए दिन तमाम लोग काल के गाल में असमय समा जा रहे हैं। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्तासीन होने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सबसे पहला कदम गोवंश की रक्षा के लिए उठाया था और उन्होंने समूचे प्रदेश में गौशाला के प्रबंधन की व्यवस्था की थी ।
जिसके क्रम में मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत परसवां स्थित गौशाला का "हिन्दी समाचार अयोध्या" के प्रतिनिधि ने सोमवार को दोपहर करीब १२ बजे जायजा लिया । जहां तपती दोपहरी के बीच सैकड़ों की संख्या में गौशाला में कैद गोवंश खुले आसमान के नीचे तपती धूप में भूख के चलते तड़पते नजर आए । क्योंकि खुले आसमान के नीचे गोवंश को खिलाने के लिए कुछ पुआल जमीन पर फेंक दिया गया था । अपनी क्षुधा मिटाने के लिए गोवंश धूप और गर्मी की परवाह न करते हुए केवल पेट भरते नजर आए ।
गौशाला का आलम यह रहा कि गोवंश को खिलाने के लिए गौशाला में बनाए गए स्टोर में लगभग तीन कुंतल सड़ा - गला भूसा शोपीस के लिए रखा गया था । इसके अलावा गौशाला में मौजूद लगभग डेढ़ सौ की संख्या में गोवंश के लिए कोई भी खाद्य सामग्री मौजूद नहीं थी । पशु शेड के नीचे बनी चरही खाली पड़ी थी । जिसमें नाम मात्र का भी भूसा उपलब्ध नहीं था । मैदान में कुछ मात्रा में पुआल पड़ा हुआ था जिस की लालच में भूख से तड़प रहे गोवंश कड़ी धूप के बीच भी अपना पेट भरने में जुटे रहे । बताते चलें कि इसी गौशाला पर कुछ दिनों पूर्व क्षेत्रीय विधायक ने गोवंशों की पूजा की थी और उक्त गौशाला को आदर्श गौशाला के रूप में विकसित एवं संबंधित किए जाने का ऐलान भी किया था। किंतु सब वायदे और ऐलान केवल जुबानी साबित रहे, हकीकत कुछ और मिली ।
उक्त गौशाला पर गोवंशों की देखरेख हेतु पांच लोगों क्रमशः राजाराम, गिरधारी, राम अधार, खुशी राम और महिला मुल्हूरा की तैनाती है । जिनमें केवल राजाराम ही मौजूद मिले शेष लोगों के बारे में बताया गया कि और लोग खाना खाने घर पर गए हैं । गौशाला पर चिकित्सीय सुविधा के बारे में पूछे जाने पर गोवंशों की देखरेख के लिए मौजूद राजाराम ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर बहुत कम आते हैं उन्होंने अपने करीबी चेले को सुपुर्द कर दिया है वही आते रहते हैं । फिलहाल इन बेजुबान गोवंश की सुध लेने वाला इस महामारी के बीच कोई भी समाजसेवी और गौ रक्षक सामने नहीं आ रहा है । हालांकि मिल्कीपुर क्षेत्र स्थित सभी गौशालाओं की कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है ।
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