अधिकारी जब जांच करने में बरतेगें कोताही भ्रष्टाचार पर कैसे लगेगा लगाम

:- बीज घोटाले में जांच अधिकारी के द्वारा देरी करने से किसानों में नाराजगी। 

 चांद से अभिमन्यु सिंह की रिपोर्ट

चांद ( कैमूर )।।  प्रखण्ड में कृषि विभाग के द्वारा किसानों को दिये जाने वाला अनुदानित बीज में घोटाला उजागर किये जाने से हडकंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी के द्वारा जांच के आदेश देने बाद प्रखण्ड प्रभारी अधिकारीओं के जांच रिपोर्ट नहीं नहीं देने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिलाधिकारी कार्यालय गोपनीय ने पत्रांक xxx - 2021 /1680  दिनांक 24/05/21 रिमाइंडर भेजकर प्रखण्ड प्रभारी पदाधिकारी को रवी बीज  घोटाला की जांच रिपोर्ट सुपुर्द करने का आदेश दिया गया है। कृषि विभाग के द्वारा बीज में घोटाला का आरोप लगाकर  किसान सलाहकार समिति ने लिखित आवेदन जिलाधिकारी से जांच की मांग की थी। किसान सलाह कार समिति के मांग पर जिलाधिकारी ने पत्रांक 1234/ दिनांक 17/04/21 प्रखण्ड के सभी नोडल पदाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट सुपुर्द करने का आदेश दिया था। जिलाधिकारी के आदेश महीने से अधिक समय होने के बाद भी नोडल पदाधिकारी के द्वारा जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सुपुर्द नहीं किया गया। जांच रिपोर्ट सुपुर्द नहीं करने पर सभी प्रखण्ड प्रभारी पदाधिकारी को रिमाइंडर भेजा गया है। प्रखण्ड में किसान सलाहकार समिति अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कृषि विभाग पर रवी बीज में घोटाला का आरोप लगाया था । लाखों रूपये के बीज घोटाला में कृषि अधिकारीयों के शामिल होने का आरोप आत्मा अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह लगाये है।अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री तीब्र बीज विस्तार योजना अनुदानित बीज योजना आदि में किसानों को बीज नहीं देकर बेच दिया गया है। लाखों रूपये बीज घोटाला में सच्चाई जांच के बाद ही मालूम चलेगा। बीज घोटाला की जांच शुरू होने के बाद कृषि विभाग में हलचल तेज होने एवं जांच अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट में देरी करने से भारी गड़बड़ की संभावना है।

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