शिशुओं के संपूर्ण टीकाकरण से संभव है उनके स्वस्थ बचपन की शुरुआत : डीआईओ
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Aug 18, 2021
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- बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है नियमित टीकाकरण
- 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाना अनिवार्य
बक्सर , 18 अगस्त | नवजात शिशुओं में बीमारियों की संभावना के साथ शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से उनका संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। नियमित टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है। वहीं, संपूर्ण टीकाकरण से वंचित बच्चों में प्रतिरक्षित बच्चों की तुलना में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम जाती है। इसलिए बच्चों में सही समय से टीकाकरण जरूरी है। टीकाकरण एक प्रकिया है जिसमें टीका के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है। इससे बच्चे में रोग प्रतोरोधक क्षमता का विकास होता है। टीकाकरण के कारण बच्चे में रोगों के संक्रमण में भी बचाव होता है। साथ ही, समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है।
आरोग्य दिवस पर सप्ताह में दो दिन टीकाकरण:
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, जिले में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को आरोग्य दिवस यानि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया जाता है। इस दौरान 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाया जाता है। आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम अपने सहयोग से आरोग्य दिवस के सफ़ल संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। जिले के सभी आशा एवं एएनएम को टीकाकरण की महता पर नियमित उन्मुखीकरण भी किया जाता है। गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाएं नियमित गृह भ्रमण करती हैं। वह नवजातों की देखभाल के साथ उनके परिजनों को टीकाकरण के विषय में भी जागरूक करती हैं।
75 % बच्चों का ही हो पाता है संपूर्ण टीकाकरण :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार जिले में 75 प्रतिशत बच्चों का ही सम्पूर्ण टीकाकरण हो पता है। जिले में 2 साल तक के 90.4 प्रतिशत बच्चों का सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण हुआ है। जबकि केवल 6.4 प्रतिशत बच्चों ने प्राइवेट अस्पतालों में टीका लगवाया है। दूसरी ओर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक साल विश्वभर में 1.85 करोड़ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। साथ ही, गंभीर संक्रामक रोगों से लगभग 20 लाख से 30 लाख शिशुओं की मौत हो जाती है, जिसे सम्पूर्ण टीकाकरण के माध्यम से आसानी से रोका जा सकता है।
सही समय पर टीकाकरण बचाएगा बच्चे की जान :
शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से अनेक ऐसी बीमारियाँ हैं जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है ताकि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। टीकाकरण बच्चों को बहुत सारे रोगों से बचाता है। बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला, निमोनिया, डायरिया, हैपेटायटीस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टीटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता है एवं शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी लाता है।
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