पुलिस फोर्स में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं, हाई कोर्ट में मोहम्मद फरमान की याचिका हुई खारिज

अमानीगंज, अयोध्या ।। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या जनपद के खंडासा थाने में तैनात निलंबित सिपाही मोहम्मद फरमान की याचिका पर आज एक अहम फैसला पारित किया न्यायमूर्ति राजेश चौहान ने  मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस फोर्स एक अनुशासित संगठन है और इसमें किसी प्रकार के धार्मिक मामले को शामिल नहीं किया जा सकता है उन्होंने कहा कि आरोपी सिपाही को अपने एस एच ओ और अधिकारियों की बात को मानना चाहिए था दो अलग-अलग याचिकाओं में सिपाही मोहम्मद फरमान ने अपने निलंबन और विभागीय जांच को स्थगित करने की मांग की थी आज से 2 वर्ष पहले खंडासा थाने में तैनात इस सिपाही को दाढ़ी रखने के लिए पहले तो तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने चेतावनी जारी की उसके बाद भी जब यह सिपाही नहीं माना तो इसे निलंबित कर दिया गया जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया अब हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह बात साफ कर दी है कि पुलिस फोर्स में दाढ़ी रखना संवैधानिक अधिकार नहीं है

कोर्ट ने सिपाही के खिलाफ जारी विभागीय जांच और निलंबन आदेश में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया है

रिपोर्टर

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