एमडीए के दौरान किसी भी व्यक्ति को दवा बांटनी नहीं है, अपितु सामने ही खिलानी है : डॉ. शैलेन्द्र

- एमडीए के सफल संचालन को लेकर सदर अस्पताल में वीबीडीओ ने सपोर्टिंग एजेंसी के साथ की बैठक

- प्रतिदिन छूटे हुये व्यक्तियों को पुनर्भ्रमण करके दवा खिलायी जायेगी

बक्सर ।। फाइलेरिया को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से जिले में मास्क ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की शुरुआत जल्द होने वाली है। जिसके सफल संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाव की सपोर्टिंग एजेंसी केयर, डब्लूएचओ व पीसीआई के अधिकारियों के साथ सदर अस्पताल में बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोलर डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने की। इस दौरान एमडीए के चक्र व तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। मौके पर डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने बताया, परिवार पंजी को एमडीए चक्र प्रारंभ होने के पूर्व अनिवार्य रूप से अपडेट कर लिया जाये। उन्होंने बताया, इस बार 2 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर की एक टीम बनेगी और दोनों ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर प्रतिदिन 30-50 घरों में एमडीए की दवा खिलायेंगे और अधिकतम 14 दिनों में एमडीए कार्यक्रम को माइक्रोप्लान के अनुसार सपन्न किया जायेगा। जिसमें प्रतिदिन छूटे हुये व्यक्तियों को पुनर्भ्रमण करके दवा खिलायी जायेगी। इसके अतिरिक्त 7वें और 14वें दिन पूर्ण रूप से दोबारा विजिट करते हुये सभी छूटे हुये व्यक्तियों को दवा खिलायी जायेगी। साथ ही, यह भी ध्यान रहे कि किसी भी व्यक्ति को दवा बांटनी नहीं है, अपितु अपने सामने ही खिलानी है। इस दौरान केयर के डीटीएल आशीष द्विवेदी, पीसीआई के एसएमसी राकेश कुमार शुक्ला व केयर के सभी एमडीए कोऑर्डिनेटर्स शामिल हुए।


एमडीए के पर्यवेक्षक के लिए निर्धारित की गई है त्रिस्तरीय व्यवस्था :

डीपीओ वीएल चंदन प्रसाद ने बताया, जिला स्तर पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) हो समाप्त हो चुका है। इस बार एमडीए के लिए त्रिस्तरीय पर्यवेक्षण व्यवस्था की गई है। जिसमें प्रथम स्तर के पर्यवेक्षक के रूप में आशा फैसिलिटेटर या एएनएम को अपने 10 दलों का पर्यवेक्षण करना है। प्रत्येक प्रथम स्तरीय पर्यवेक्षक कार्य की समाप्ति पर प्रतिदिन दिए गये प्रपत्र पर रिपोट संकलित कर संध्याकालीन बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर शामिल होंगे। इसके साथ-साथ प्रथम स्तरीय पर्यवेक्षक एक दिन अपने तीन दल और प्रत्येक दल के कम-से-कम 3-3 घरों का भ्रमण करेंगे और दिये गये पर्यवेक्षण प्रपत्र अपना रिपोट भर कर जमा करेंगे। पुनः अगले दिन वह अपने 3 अन्य दलों का भ्रमण करेंगे और अपनी रिपोट संध्याकालीन बैठक में प्रस्तुत करेंगे। इसी प्रकार वह अपने प्रत्येक दिन का कार्य संपन्न करेंगे। उन्होंने बताया, इसी प्रकार से द्वितिय एवं तृतीय स्तर के पर्यवेक्षक क्रमशः प्रखंड एवं जिला स्तर के होंगे जो प्रतिदिन प्रथम स्तर के पर्यवेक्षक के 3 दलों का पर्यवेक्षण करेंगे और इन दलों के द्वारा दवा खिलाये हुये 3-3 घरों की जांच करेंगे।


अभियान के लिए ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को मिलेगा मानदेय :

वीबीडी कंसल्टेंट राजीव कुमार ने बताया, ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को दवा खिलाने का प्रत्येक 50 घरों पर 600 रुपये मानदेय और अधिकतम 200 घरों हेतु 2400 रुपये का भुगतान करना है, अर्थात दो दलकर्मी की एक टीम बनेगी और दोनों दलकर्मियों के द्वारा लगभग 400 घरों में दवा खिलाना है जिस हेतु उन्हें अधिकतम 4800 रुपये दिये जायेंगे। जिसे दोनों दलकर्मियों में बराबर-बराबर अधिकतम 2400 रुपये भुगतान करना है। प्रत्येक 10 टीम पर एक सुपरवाईजर नियुक्त किया जाना है। इस हेतु प्रत्येक प्रथम स्तीरय सुपरवाईजर को 175 रुपये प्रतिदिन के दर से भुगतान करना है। प्रत्येक सुपरवाईजर प्रत्येक 10 टीम का प्रतिदिन रिपोर्ट करेगें एवं सायंकालीन ब्लॉक पीएचसी स्तरीय बैठक में भाग लेगें। साथ ही, प्रतिदिन अपने कम से कम तीन दलों के कार्य की जांच करेंगें एवं प्रत्येक दल के कम-से-कम तीन घरों की जांच करेंगे जहां टीम कार्य समाप्त कर चुकी है।

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