मंगलवार से प्रारंभ हुआ दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला समप्न्न




इस कार्रयशाला का आयोजन पटना स्थित होटल पनाश में माननीय स्वास्थ्य मंत्री  मंगल पाण्डेय जी की अध्यक्षता में किया गया। उक्त अवसर पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक  संजय कुमार सिंह, अनिमेष कुमार पराशर एवं केशवेंद्र कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक, डॉ. जयती श्रीवास्तव, उप-निदेशक, प्रशिक्षण, राज्य स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी जिलों के सिविल सर्जन, जिला अनुश्रवण एवं मुल्यांकन पदाधिकारी समेत राज्य स्वास्थ्य समिति के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अपर कार्यपलाक निदेशक अनिमेष कुमार पराशर द्वारा किया गया, जिसमें उन्होंने अतिथियों एवं प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर उतारने एवं सूदूर क्षेत्रों तक स्वास्थ्य व्यवस्था के लाभ को पहुंचाने के लिए जिलों की भूमिका सबसे अधिक होती है, इसलिए अपर कार्यपलाक निदेशक महोदय ने विभिन्न जिलों के स्वास्थ्य समित को प्लान तैयार कर कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया। इसके बाद कार्यपालक निदेशक महोदय द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में सक्षिंप्त ब्यौरा दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्री, मंगल पाण्डेय द्वारा सभा को संबोधित करते हुए सभी सिविल सर्जन का कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सभी जिलों के सिविल सर्जन को बधाई भी दी। उन्होंने आगे कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता को और सुदृढ़ बनाने हेतु हर महीने की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस के नाम से मनाया जाएगा। माननीय मुख्यमंश्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में प्रारंभ की गई ई-टेलीकंसलटेंसी काफी सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है और निकटतम भविष्य में कई और स्पेशलिस्ट चिकित्सकों को भी इसके तहत जोड़ने की कवायद जारी है। स्वास्थ्य विभाग संपूर्ण बिहारवासियों को उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है।

भारत सरकार की ओर से उपस्थित एन.एच.एस.आर.सी के सलाहकार डॉ. हिमांशु भूषण ने परिवार नियोजन, मातृत्व स्वस्थ्य कार्यक्रम, RMNCHA (Reproductive Maternal Neonatal Child and Adolescent Health)पर चर्चा की एवं आशा/ए.एन.एम कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण पर विशेष रूप से ज़ोर डाला। इसके बाद एम्स जोधपुर के नियोनेटॉलोजीविभाग के विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. अरूण सिंह ने प्रतिरक्षण, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं कोविड पर जिलों से आए सिविल सर्जन एवं राज्य कार्यक्रम पदाधिकारियों से चर्चा की। “बच्चा परिवार का नहीं, बच्चा बिहार का है”, इसी सोच के साथ प्रशिक्षण में आए लोगों को शिशु स्वास्थ्य की महत्ता के बारे में अपने विचार साझा किया। इसी बीच कार्यपालक निदेशक ने डॉ. अरुण सिंह को प्रसव एवं मातृत्व स्वास्थ्य को काफी सहज तरीके से समझाने एवं विज्ञान को प्रकृति के साथ काफी खुबसूरती से जोड़ने के लिए विशेष रूप से आभार प्रकट किया। 

राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के अपर कार्यपालक निदेशक  केशवेंद्र कुमार ने डाटा की समीक्षा, Integrated Health Information System, HMIS(Health Management Information System) एवं गुणवत्ता के महत्व पर प्रकाश डाला एवं कहा कि प्रेरणा हमेश एकजुटता की ओर ले कर जाती है, और एकजुट हो कर कार्य करने पर सफलता पक्की हो जाती है। इसके बाद PATH के State Head आजीत कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य निति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं PIP(Programme Implementation Plan) के बारे में चर्चा की।

कार्यक्रम के अंत में भारत सरकार की ओर से उपस्थित  डी. के. ओझा, उपमहानिदेशक,(सांख्यिकी) ने IT(Information Technology) एवं अनुश्रवण एवं मुल्यांकन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के HMIS में महत्व को सभा में सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता को उसके रिपोर्टिंग, निगरानी एवं मुल्यांकन के द्वारा ही मापा जा सकता है, इसलिए आई. टी. आज के युग में इस प्रणाली को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए काफी महत्वपूर्ण योगदान निभा रहा है। उन्होंने डिजीटल इंडिया एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर विशेष जोर दिया।

रिपोर्टर

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