सूचना न देने पर बड़ी कार्यवाही, मचा हड़कम्प

भदोही जनपद में सूचना अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाना अब जनसूचना अधिकारियो को भारी पड़ रही है। अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने सीएमओ, खंड शिक्षा अधिकारी सहित छः अधिकारियों के विभाग से जुड़ी सूचनाएं मांगी थीं। कई बार आवेदन करने के बाद भी सूचनाएं न उपलब्ध होने पर आवेदक ने आयोग में गुहार लगाई। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गईं सूचनाएं न देने पर राज्य सूचना आयोग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत पांच अधिकारियों पर एक लाख पचास हजार का जुर्माना लगाया है। डीएम को वसूली पत्र भेजकर उनके वेतन से वसूली का आदेश दिया है। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अधीन आवेदक विभागों से सूचनाएं मांगते हैं, लेकिन निर्धारित समय 30 दिन बीत जाने के बाद भी सूचनाएं नहीं दी जाती।  अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने सीएमओ, खंड शिक्षा अधिकारी भदोही, प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय तुलापुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुरासी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय साऊपुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय अलूंवा, सहित छह अधिकारियों से विभाग व कार्यालय से जुड़ी सूचनाएं मांगी थीं। कई बार आवेदन करने के बाद भी सूचनाएं न उपलब्ध होने पर आवेदक ने आयोग में गुहार लगाई। आयोग का पत्र आने के बाद भी विभागों की ओर से मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। इसको संज्ञान में लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने सीएमओ 25 हजार, खंड शिक्षा अधिकारी भदोही पर 25 हजार, प्रधानाध्यापक यूपीयस दुरासी पर 25 हजार, प्रधानाध्यापक यूपीयस साऊपुर पर 25 हजार, प्रधानाध्यापक यूपीयस तुलापुर पर 25 हजार व यूपीयस अलूवा पर 25 हजार का जुर्माना लगाया। जिलाधिकारी को वसूली का पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के वेतन से वसूली का आदेश दिया।

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