![](https://hindisamaachar.com//images/featured_image//23d19403befa4d93f0f64447cc1ceb7d7c837ef6.jpg)
सुरक्षित मातृत्व के सपनों को साकार कर रही जननी सुरक्षा योजना
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Dec 06, 2021
- 420 views
• संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए महिलाओं को दी जा रही धनराशि
• मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है उद्देश्य
बक्सर ।। संस्थागत प्रसव के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिले में जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है। प्रसव के दौरान होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए इस योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन राशि देकर सरकारी अस्पतालों पर संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 89.5 प्रतिशत है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों के अनुसार कुल संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 81.6 प्रतिशत था। ये आंकड़ें योजना के प्रति आम लोगों में बढ़ी हुई जागरूकता को भी दर्शाता है।
गर्भवतियों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि :
जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार के गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। साथ ही, इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशाओं को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रूपए आशाओं को दिए जाते हैं। इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में आई है कमी :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रदान की जानी वाली सुविधाओं के कारण प्रसव के दौरान होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी आई है। प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को रोकने के लिए संस्थागत प्रसव बहुत जरुरी है। इस योजना के कारण ग्रामीण परिवेश की गर्भवती महिलाएं गृह प्रसव की जगह संस्थागत प्रसव करा रही हैं एवं आशाओं के द्वारा उन्हें इसके फायदों के बारे में भी उचित जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया, इस योजना का लाभ उठाने के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने प्रसव और शिशु के जन्म के लिए आशा के सहयोग से सरकारी अस्पतालों पर पंजीकरण कराना होता है। पंजीकृत महिलाओं को इस योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
योजना के तहत गर्भवतियों के मिलेंगी ये सुविधाएं :
• सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था
• निःशुल्क दवा की व्यवस्था
• गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुंचाने की निःशुल्क व्यवस्था
• प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन
• नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण हेतु शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनश्चित कराने की व्यवस्था
रिपोर्टर