दस्त के दौरान ओआरएस का घोल पिलाने से शरीर में दूर होगी पानी की कमी

• बच्चों की सेहत पर ठंड का असर, उनके उल्टी-दस्त से ग्रस्त होने की संभावना प्रबल

आरा ।। जिले में ठंड का प्रकोप जारी है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद के शीतलहर के कारण लोगों की तबियत बिगड़ रही है। ऐसे में बच्चों व बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत है। यह सर्द मौसम बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। ऐसे मौसम में बच्चों के उल्टी, दस्त छाती की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। उधर चिकित्सक भी अभिभावकों को बच्चों को ठंड से बचाव की सलाह दे रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को अधिकतम 17 और न्यूनतम 6 डिग्री रहा। आने वाले चार दिनों में भी तापमान अधिकतम 18 और न्यूनतम 6 से 8 डिग्री के बीच रहेगा। पूरा दिन आसमान में बादल छाए रहेंगे। गुरुवार को भी पूरा दिन आसमान में बादल छाए रहे। सर्द हवाओं के कारण शाम होते ही बाजारों से भी रौनक गायब रही। वहीं, ग्रामीण इलाकों में लोगों ने तो अलाव सेंककर ठंड से राहत पाई। 

तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर को दिखाएं :

वहीं ठंड से बच्चें के लिए एसीएमओ डॉ. केएन सिन्हा ऐसी ने हिदायतें दी हैं। उन्होंने कहा कि ठंड से ज्यादातर बच्चे ग्रस्त हो रहे हैं। ऐसे में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें। यदि तबीयत ज्यादा खराब होती है तो उसे तुरंत नजदीकी के डॉक्टर को दिखाएं। उन्होंने बताया कि दस्त के साथ बच्चे के शरीर से बहुत पानी निकल जाता है। इसी कारण बच्चे को अधिक प्यास लगती है, कमजोरी महसूस होती है पेशाब में कमी हो जाती है। जीभ मुंह में खुश्की, त्वचा में ढीलापन, सांस, नाड़ी की गति सामान्य से तेज, तालू आंखें धंसने लगती है। डॉ. सिन्हा ने बताया कि दस्त रोग से बचाव का सबसे असरदार तरीका यह है की छह महीने की आयु तक शिशु को केवल मां का दूध ही दें।

शरीर में पानी नमक की कमी को दूर करें :

डॉ. सिन्हा ने कहा, घर में उपलब्ध तरल पदार्थ जैसे दाल का पानी, शिकंजी, ताजा छाछ, लस्सी, चावल का माड़, जौ का उबला पानी आदि सामान्य से अधिक से अधिक मात्रा में थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार पिलाते रहे। शरीर में पानी नमक की कमी को दूर करने के लिए डब्ल्यूएचओ प्रमाणित ओआरएस पिलाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया, इस पैकेट के सारे पाउडर को एक लीटर साफ पानी में डालकर अच्छी तरह घोलकर बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में दस्त रूकने तक पिलाते रहें बचे हुए घोल को ढक कर रखें एवं 6-8 घंटे तक ही उसे काम में लेवे एवं उसके बाद ताजा घोल बनाएं। दस्त रोग में बच्चे की भूख कम हो सकती है, इसलिए दस्त रोग के दौरान बच्चे को भोजन देते रहें दूध पीने वाले बच्चों को स्तनपान कराते रहें। यदि फिर भी दस्त नहीं रूके या खतरे के निम्न लक्ष्ण दिखें तो तुरंत चिकित्सक स्वास्थ्य कार्यकर्ता से सम्पर्क करें।

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