जनांदोलन से ही टीबी हारेगा-देश जीतेगाः मंगल पांडेय

टीबी प्रीवेंशन को लेकर स्वास्थ्य विभाग का विशेष फोकस

495 प्रशिक्षित टीबी सर्वाइवर यक्ष्मा चैंपियन के रूप में नामित


पटना ।। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि टीबी उन्मूलन की दिशा में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा (टीबी) दिवस पर हमें संकल्प लेना होगा की टीबी की रोकथाम के लिए हम मिलकर लड़ें। जनांदोलन से ही टीबी हारेगा-देश जीतेगा। राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत साल 2021 में राज्य में सराहनीय कार्य किए गये। स्वास्थ्यकर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान देकर टीबी उन्मूलन लक्ष्य के प्रति अपनी संवेदनशीलता दर्शायी। यह सिलसिला अनवरत जारी है।

पांडेय ने कहा कि साल 2021 में सरकारी अस्पतालों में 61 हजार 916 टीबी मरीज पाए गये। निजी सेक्टर में पाए गये टीबी मरीजों की संख्या 70 हजार 229 रही। निक्षय पोषण योजना अन्तर्गत वर्ष 2021 में 64 हजार 275 रोगियों को पोषण प्रोत्साहन राशि 12 करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे जमा किये गये। गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल सोसाइटी के माध्यम से कार्यक्रम को जनांदोलन ‘‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’’ के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से राज्य टीबी फोरम तथा 38 जिला टीबी फोरम का गठन किया जा चुका है। हर स्तर पर रिकार्डिंग-रिपोर्टिंग के लिए डिजिटल माध्यमों का क्रियान्वयन आयुष, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर के साथ प्रभावी समन्वयन सामुदायिक सहभागिता के लिए राज्य एवं जिला टीबी फोरम का गठन हुआ। आईजीआईएमएस, पीएमसीएच, पटना सहित भागलपुर, गया, दरभंगा व मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में नोडल (ड्रग रेसिस्टेंट टीबी) डीआर टीबी सेंटर संचालित है।

पांडेय ने कहा कि 495 टीबी सर्वाइवर को प्रशिक्षित कर यक्ष्मा चैम्पियन के रूप में नामित किया गया। जिले के चौदह जिलों में रोगियों को उपचार पूरा करने हेतु लगातार प्रेरित करने तथा समाज में टीबी रोगी के साथ भेदभाव अथवा बहिष्कार कम करने के लिए टीबी चैम्पियन की भूमिका अहम साबित हो सकती है। अब तक नौ हजार 500 टीबी रोगियों को परामर्श दिया गया। 75 टीबी चैम्पियन एंटी स्टीगमा अभियान द्वारा समाज से टीबी में भेद-भाव दूर करने में सहयोग कर लगभग दो हजार 800 लोगों को जागरूक किया गया है।

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