'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' के मुहिम को सफल करने के लिए सामुदायिक सहयोग जरूरी

बक्सर/इटाढ़ी ।। जिले के सभी पीएचसी स्तर पर गुरुवार को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर गतिविधियों का आयोजन हुआ। जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। इसी क्रम में जिले के इटाढ़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी जागरूकता अभियान के लिए रैली निकाली गई। जिसमें प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों ने पोस्टर और स्लोगन के साथ लोगों को जागरूक किया। ताकि, लोगों जागरूक करने के साथ उसके लक्षणों की पहचान, इलाज व बचाव की जानकारी दी जा सके। साथ ही, पीएचसी परिसर में 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' के नारे भी लगाए गए। रैली में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास उपाध्याय, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सरिता कुमारी, स्वास्थ प्रबंधक आनंद राय, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर इंदु कुमारी, केटीएस अभिषेक कुमार, बीसीएम सतेंद्र कुमार, राघवेंद्र सिंह, पीएमडब्ल्यू जाफर आलम, प्रकाश दुबे, गोपाल जी, नागेन्द्र पाठक, लैब टेक्नीशियन मुकेश कुमार सहित आशा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

हवा से फैलता है टीबी का रोगाणु :
एमओआईसी डॉ. श्रीनिवास उपाध्याय ने बताया, टीबी के रोगाणु वायु द्वारा फैलते हैं। जब यक्ष्मा रोगी खांसता या छींकता है तो लाखों-करोड़ों की संख्या में टीबी के रोगाणु छोटे कणों (ड्राप्लेट्स) के मध्यम से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता। जिसके बाद वह व्यक्ति भी टीबी रोग से ग्रसित हो जाता है। जिसके लक्षणों की पहचान जरूरी है। टीबी 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' के मुहिम को सफल करने के लिए सामुदायिक सहयोग जरूरी है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा कर्मी की देखरेख में रोगी को अल्पावधि वाली क्षय निरोधक औषधियों के सेवन कराने वाली विधि को डॉट्स कहते हैं। इसके तहत किया गया इलाज काफी प्रभावी हो जाता है। पूरा कोर्स कर लेने पर यक्ष्मा बीमारी से मरीजों को मुक्ति भी मिल जाती है।

पोषण के लिए मरीजों के खाते में प्रति माह भेजी जाती है रही : 
सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर इंदु कुमारी ने बताया, टीबी रोगियों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा प्रति माह 500 रुपये की धनराशि दी जा रही है। निजी चिकित्सक एवं फार्मासिस्ट द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी से सभी रोगियों को पोषण राशि प्रदान करने में आसानी होगी। टीबी विभाग निरंतर टीबी मरीजों को चिन्हित करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सक्रिय टीबी मरीज खोजी अभियान भी चलाए जाते है। सही समय पर टीबी मरीजों की पहचान करने से उनका सम्पूर्ण इलाज संभव है। इसके लिए सरकार द्वारा टीबी रोगियों के लिए निशुल्क टीबी की दवा (डॉट्स) की उपलब्धता प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्र के साथ जिलास्तर अस्पताल में भी करायी गयी है। ताकि, टीबी के संभावित मरीज की जल्द से जल्द पुष्टि कर ससमय उनका इलाज शुरू किया जा सके।

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