बच्चों को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए टीका लगाना जरूरी
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Apr 01, 2022
- 343 views
- नवजात शिशुओं का सही समय पर टीकाकरण कराने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
- शिशुओं के शरीर के साथ हाथों को स्वच्छ रखना बेहद जरूरी
बक्सर ।। बदलते मौसम में हमें बीमारियों उसकी संभावनाओं से बचने के लिए साफ सफाई की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। फिलवक्त जिले के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में लगभग 20 डिग्री का अंतर है। जिसके कारण रात और भोर में ठंड तथा दिन व दोपहर में गर्मिंका एहसास हो रहा है। जिससे मौसमी बीमारियों के साथ संक्रामक बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है। विशेषकर शिशुओं व नवजात बच्चों में इसकी संभावना प्रबल रहती है। ऐसे में बच्चों की देखभाल की जानी चाहिए। वहीं, नवजात शिशुओं को जन्म के बाद संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जाना आवश्यक होता है। क्योंकि नवजात शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण कई गम्भीर रोग हो सकते हैं।
बच्चों को दिए जाने वाले टीके हैं उपलब्ध :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, जिले के सभी प्रखंडों में स्थित पीएचसी के साथ जिलास्तर व अनुमंडल स्तर के अस्पतालों में बच्चों को दिए जाने वाले आवश्यक टीके उपलब्ध हैं। जिनको लाभुक शिशु व नवजात को नि:शुल्क लगाया जाता है। बच्चों के माता पिता को सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि बच्चों को सही समय पर खसरा, टेटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी, हेपटाइटिस-बी के टीके लगवाने चाहिए। ताकि बच्चे इन बीमारियों से सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया कि जिले में 4 अप्रैल से मिशन इंद्रधनुष का भी आयोजन किया जायेगा। जहां पर दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीके लगाए जायेंगे।
शिशु को रात में गीले में न सोने दें :
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया, माताओं को अपने नवजात को सीने से लगाकर रखना जिससे उन्हें कंगारू केयर के तहत शरीर की गर्मी मिल सके। साथ ही, शिशु को रात में गीले में न सोने दें। छह माह से कम आयु के बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही दें। किसी भी प्रकार का बाहरी भोजन न दें। साथ ही समय समय पर सभी टीकाकरण अवश्य ही कराएं। रात में बच्चों को भरपेट भोजन, मीठी वस्तु अवश्य खिलाएं। खाली पेट नहीं सोने दें। बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जांच अवश्य कराएं।
बच्चों के हाथों की सफ़ाई है बेहद जरूरी :
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया, बच्चे अक्सर घर से बाहर बच्चों के साथ खेलते हैं। ऐसे में उनके गन्दे हाथों की सफाई न करने के कारण भी उनके संक्रमित होने का ज्यादा खतरा बना रहता है। उन्हें पेट से जुड़ी बीमारी होने की आशंका अधिक होती है। ऐसे में बच्चों के अभिभावक उनको समझाएं कि भोजन से पूर्व एवं शौच के बाद हाथ जरूर धोएं। हाथ धोना रोगाणुओं को फैलने से रोकने और बीमार पड़ने से बचने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। बच्चों को स्वस्थ्य रहने के लिए उन्हें बार-बार और सही तरीके से हाथ धोने के लिए प्रेरित करें। अपने बच्चे के साथ हाथ धोएं, ताकि वह हाथ धोने का सही तरीका सीख सकें।
रिपोर्टर