जिलाधिकारी ने वज्रपात से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय सम्बन्धित सलाह किया जारी

भदोही ।। उत्तर प्रदेश राज्य में आधी - पानी के साथ वज्रपात गिरने की काफी घटनाएं हो रही है । आकाशीय विद्युत से कई लोगों के मरने एवं घायल होने की भी सूचना है । सामान्यतया मानसून पूर्व एवं मानसून की बारिश के समय वज्रपात गिरने की घटनाएं होती है । अतएव यह आवश्यक है कि हम वज्रपात से बचाव के लिए थोड़ी सावधानी बरतें । वज्रपात गिरने के समय आम जन को सलाह, आसमान में बिजली के चमकने / गरजने / कड़कने के समय - यदि आप खुले में हों तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें । सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें । खिड़कियों , दरवाजे बरामदे एवं छत से दूर रहे । ऐसी वस्तुएं , जो बिजली की सुचालक हैं , उनसे दूर रहें । बिजली के उपकरणों या तार के साथ संपर्क से बचे व विजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें। ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूर रहें। बिजली के उपरकणों या तार के साथ सम्पर्क से बचें व बिजली के उपकरणों को बिजली के सम्पर्क से हटा दें। तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाये रखें। समूह में न खड़े हों, बल्कि अलग-अगल खड़े रहें। यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जाए, बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजल या टेलीफोन का खम्भा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें। धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें। आसमानी बिजल के झटके से घायल होनेे पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। स्थानीय रेडियों अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें। यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें हो तो-जॉ है वही रहें, हो से तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनो पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों से कानों को बंद कर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटाएं। जमीन पर कदापि न लेटें। ऊंचे इमारत वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें। साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नही लें, क्योंकि ऊंचे वृक्ष, ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते है। पैदल जा रहे हों तो धातु की झंझी वाले छातों का उपयोग न करें। यदि घर में हों तो पानी का नल फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुए। वज्रपात के मामले में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात है। अगर जरूरी हो तो संजीवन क्रिया प्राथमिक चिकित्सा, प्रारम्भ कर दें। संजीवन किय्रया प्राथमिक चिकित्सा देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरी से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो। यह सुनिश्चित कर लें कि पीड़ित की नाड़ी एवं श्वास चल रही हो। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जनहित में जारी।

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