राजस्थान पीसीएस में 12 वीं रैंक हासिल कर डॉ.आलोक मौर्य बने सहायक कृषि शोध अधिकारी

डॉ.आलोक मौर्य के राजस्थान पीसीएस में चयन से क्षेत्र में खुशी की लहर 



 

शाहगंज। श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व छात्र करौदी कला विकासखंड क्षेत्र के मगरसन कला गांव निवासी डॉ. आलोक मौर्य पुत्र रामफेर ने राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षा 2023 में 12 वीं रैंक हासिल करके क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अंधेरे में भटक रहे ऐसे निराश लोगों के लिए रोशनी की अंतिम किरण साबित हो रहे हैं जो अपने जीवन में असफल हुए हो चुके हों।उनका सेलेक्शन असिस्टेंट एग्रीकल्चर रिसर्च ऑफिसर कृषि रसायन (सहायक कृषि शोध अधिकारी) के पद पर हुआ है।इस सफलता से न केवल क्षेत्र और विद्यालय परिवार बल्कि पूरा जनपद गौरवान्वित हुआ है।गांधी स्मारक विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी छात्र छात्राओं के लिए डॉ. आलोक मौर्य को प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतिभाओं से प्रेरणा लेकर सभी प्रतियोगी छात्र छात्राएं और विद्यालय के छात्र अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर होकर ऊंचाई की बुलंदियों पर पहुंचें।उन्होंने उपलब्धि पर विद्यालय परिवार, अभिभावकों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।


 पूर्व प्रधानाचार्य डॉ रणजीत सिंह ने कहा कि ऐसा होनहार छात्र सभी प्रतियोगी छात्रों के लिए मिसाल साबित हो रहा है।लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अग्रिम बधाई देता हूं और भविष्य में और बेहतर बनने के लिए शुभकामनाएं देता हूं । प्रधानाचार्य डॉ.अजेय प्रताप सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस खुशखबरी को सुनकर विद्यालय परिवार गदगद है।प्रधानाचार्य ने अन्य छात्रों से संबोधन में कहा कि आप सभी लोगों से भी अपेक्षाएं हैं कि विद्यालय के पूर्व छात्र से प्रेरित होकर अपनी मंजिल हासिल करें।शिक्षकों ने भी हर्ष व्यक्त किया है।डॉ.आलोक जीवन के संघर्ष और उससे प्राप्त सफलता का जिक्र करते हुए बताते हैं कि अपने लक्ष्य को निर्धारित करके लगातार मेहनत करने पर सफलता अवश्य मिलती है।दुनिया में देर है किंतु अंधेर नहीं। मेहनत करने वालों की कोई तोड़ नहीं होती है।कई बार साक्षात्कार में असफलता भी हाथ लगी किंतु निराश नहीं हुआ और अंत में मंजिल मिल ही गई। उन्होंने बताया कि एसडीएम बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं ।उन्होंने कृषि वैज्ञानिक डॉ.सुभाष बाबू यादव को अपना सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने बताया कि माता ,पिता, भाइयों ,पूर्व प्रधानाचार्य व विद्यालय के शिक्षकों ने भी निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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