किसानों ने भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा को लेकर कैम्प में काम कराया बंद

सैकड़ों की संख्या में किसानों ने कैम्प मसोई गांव में जाकर किया विरोध प्रदर्शन

कैमूर ।।   भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा को लेकर कैमूर के किसान आर पार की लड़ाई का मूड बना लिए हैं।इसकी बानगी किसानों ने कैम्प मसोई गांव में पहुंचकर काम को रूकवा दिया। शुक्रवार को सुबह 10 बजे किसान कैम्प कार्यालय मसोई गांव में पंहचने लगे। धीरे धीरे किसानों की संख्या सैकड़ों में पंहुच गई। किसानों ने कैम्प के सामने धरना पर बैठ गए। किसान एकता जिंदाबाद उचित मुआवजा नहीं तो सड़क नहीं नारे लगाते हुए कैम्प में निर्माण कार्य को बंद करने की मांग करने लगे। कैमूर प्रशासन के तरफ मजिस्ट्रेट अंचलाधिकारी चैनपुर एवं भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पंहुच गई। किसानों ने कैम्प में निर्माण कार्य बंद करने की मांग करते रहे।इसी बीच किसानों से मजिस्ट्रेट एवं पुलिस से नोंक-झोंक होने लगे। कुछ समय इंतजार करने के बाद किसानों ने कैम्प में निर्माण कार्य बंद नहीं होते देख। किसान निर्माण स्थल पर जाकर काम को बंद करवा दिया। अंचलाधिकारी एनएचएआई एवं कंपनी के अधिकारियों के द्वारा कार्य बंद नहीं होने का प्रयास किया। मौके पर उपस्थित सैकड़ों किसानों ने एक नहीं सुनी और निर्माण कार्य को बंद करवा दिया। किसानों ने कहा अगर पुनः काम शुरू किया गया तो किसान अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ जायेंगे और काम को बंद करा देंगे। इस संबंध में किसान आंदोलन को लीड कर रहे विमलेश पाण्डेय अध्यक्ष किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर पशुपति नाथ सिंह महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा अभिमन्यु सिंह अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर एवं अनिल सिंह ने कहा जबतक किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया जाएगा तबतक किसी तरह के निर्माण कार्य का विरोध किया जाएगा।भारत माला परियोजना के द्वारा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे एन एच 219 एवं एन एच 319 अ निर्माण के लिए किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तो किसान अपनी जान दे देगा लेकिन सड़क निर्माण नहीं होने देंगे। भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए ठेका लेने वाली कंपनी पीएसी के द्वारा मसोई गांव चैनपुर में किसानों के से ली गई जमीन पर कर्मचारियों को रहने एवं माल डंम करने के लिए निर्माण कार्य शुरू किया है। कंपनी के निर्माण कार्य का किसानों के द्वारा विरोध किया जा रहा है। किसानों के विरोध के बाद कंपनी ने कार्य करना जारी रखा। आक्रोशित किसानों ने शुक्रवार को दोपहर में जाकर अनिश्चितकालीन के लिए कंपनी के कैम्प में होने वाले काम को बंद करवा दिया। भूमि अधिग्रहण में किसानों के भूमि के प्रकृति निर्धारण एवं मुआवजा को लेकर पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत  सुधाकर सिंह पुर्व कृषि मंत्री सह विधायक रामगढ़ एवं दिनेश सिंह अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन बिहार तीन बार कैमूर में आ चुके हैं। किसानों ने आंदोलन तेज करते हुए मुख्यमंत्री उप मुख्यमंत्री एवं सांसद का पुतला दहन भी किया है। किसानों ने दो दो बार जिला मुख्यालय का मुख्य गेट को बंद कर दिया है। किसानों की उचित मुआवजा की मांग पर ध्यान नहीं देने पर किसानों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है।आज देखकर ऐस लगा की किसान सरकार से आर-पार की लडाई की मूड बना लिए हैं। धरना प्रदर्शन में अरविंद सिंह गज्जन सिंह अशोक कुमार राम प्रताप सिंह ओमकार सिंह विजय यादव राम निवास सिंह गुदरी सिंह आदि सैकड़ों किसान शामिल हुए।

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