इस बार का पखवाड़ा पूरी तरह से पुरुष नसबंदी पर रहेगा केंद्रित : सिविल सर्जन
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Dec 06, 2023
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- 27 नवंबर से 16 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के सफल आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय बैठक संपन्न
- पखवाड़े के दौरान परिवार नियोजन से संबंधित अन्य सभी सेवाएं भी दी जाएंगी
- 'स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा' रखा गया है इस बार का थीम
बक्सर ।। जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से 27 नवंबर से 16 दिसंबर तक आयोजित पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को सफल बनाने के उद्देश्य से सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा की अध्यक्षता में अंतर विभागीय समन्वय बैठक संपन्न हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति के सभी पदाधिकारी, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी संस्थानों के प्रबंधक एवं सामुदायिक उत्प्रेरक सम्मिलित हुए। बैठक के दौरान सिविल सर्जन ने बताया कि इस बार का पखवाड़ा पूरी तरह से पुरुष नसबंदी पर केंद्रित है। साथ ही, परिवार नियोजन से संबंधित अन्य सभी सेवाएं भी दी जाएंगी। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी हेतु इस बार पखवाड़ा की थीम 'स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा' रखा गया है।
उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह का आयोजन। स्वास्थ्य मेला सह मीडिया ब्रीफिंग का आयोजन। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सारथी (ई रिक्शा) जागरूकता रथ का परिचालन और प्रखंड स्तर पर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सास बहू बेटी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
चार से 16 दिसंबर परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन :
जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि पहले चरण में प्रचार -प्रसार के दौरान सुखी परिवार हेतु परिवार नियोजन का महत्व, सही उम्र पर लड़की की शादी, मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए साफ- सफाई एवं स्वच्छता का महत्व इत्यादि विषयों पर जनजागरण हेतु प्रचार प्रसार के लिए सारथी रथ को समाहरणालय बक्सर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह रथ गांव-गांव में जाकर जन जागरण का कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के अवसर पर इस प्रकार का रथ प्रत्येक प्रखंड में चलाया जाना है। रथ को विशेष रूप से प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक सारथी रथ के ऊपर आशा कार्यकर्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है। ताकि योग्य दंपतियों खासकर पुरुषों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। साथ ही जो लाभार्थी परिवार नियोजन की अस्थाई विधियों यथा गर्भनिरोधक गोलियां कंडोम इत्यादि अपनाने के लिए इच्छुक हैं ,उन्हें हाथों-हाथ सुविधा प्रदान की जा सके।
योग्य दंपतियों को आशा करेंगी जागरूक :
डीसीएम हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक प्रखंड स्तर पर आशा कर्मियों के द्वारा घर-घर जाकर पुरुष नसबंदी के प्रति जागरूकता, महिला पुरुष समानता, स्वस्थ जीवन हेतु साफ-सफाई एवं स्वच्छता का महत्व, सुखी एवं स्वस्थ जीवन हेतु परिवार नियोजन का महत्व, सही उम्र में शादी, पहला बच्चा शादी के दो वर्ष बाद एवं दो बच्चों के बीच तीन वर्ष का अंतर इत्यादि विषयों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही, योग्य दंपतियों को बास्केट ऑफ चॉइस से अवगत कराया जायेगा तथा अस्थायी सेवाएं भी हाथों-हाथ उपलब्ध कराई जाएंगी। परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ चॉइस में माला एन दैनिक गर्भनिरोधक गोलियां, इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां, छाया सप्ताहिक गर्भनिरोधक गोलियां, अंतरा 3 महीने के लिए लगाई जाने वाली गर्भनिरोधक सुई, कंडोम, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी इत्यादि अस्थाई साधन तथा महिला एवं पुरुष नसबंदी जैसे परिवार नियोजन की स्थाई विधियां शामिल हैं।
अधिक से अधिक पुरुष नसबंदी करने का लक्ष्य :
चार से 16 दिसंबर तक सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है। इस दौरान सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इच्छुक लाभार्थियों को अभियान चलाकर उनकी इच्छानुसार गर्भनिरोधक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। खासकर परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए अधिक से अधिक पुरुष नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित निर्णय लिए गए :-
1. संस्थानवार पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया जाए तथा अधिक से अधिक पुरुष नसबंदी सुनिश्चित की जाए।
2. प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय बैठक करें जिनमें आईसीडीएस, विकास मित्र, एवं नेहरू युवा केंद्र इत्यादि समुदाय आधारित संगठ भाग लें एवं पुरुष नसबंदी कराने हेतु सक्रिय सहयोग सुनिश्चित करें।
3. प्रत्येक प्रखंड में सभी पंचायत प्रतिनिधियों को पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में सहयोग प्रदान करने हेतु प्रेरित करें।
4. सभी प्रखंडों में ग्रामीण चिकित्सकों (आरएमपी) से पुरुष नसबंदी के लाभार्थियों को उत्प्रेरित करने में सहयोग लिया जाए।
5. स्वास्थ्य विभाग में क्षेत्र स्तर पर कार्य करने वाले प्रत्येक मानव संसाधन यथा आरबीएसके, सीएचओ, एएनएम इत्यादि को प्रति व्यक्ति कम से कम एक पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया जाए।
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