समय से पहचान नहीं होने से शरीर के तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है कुष्ठ रोग : डॉ. शालिग्राम

- जिले में 12 फरवरी तक चलाया जायेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान अभियान

- विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को किया जायेगा कुष्ठ के प्रति जागरूक

बक्सर ।। कुष्ठ रोग का शीघ्र पता लगाने और उपचार करने और इस पुरानी संक्रामक बीमारी से जुड़े कलंक को दूर करने के लिए स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत 12 जनवरी तक पूरे जिले में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को कुष्ठ के प्रति जागरूक किया जायेगा। साथ ही, प्रत्येक प्रखंड अंतर्गत दो-दो सरकारी स्कूलों में क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा। जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जायेगा। इसको लेकर जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है।

कुष्ठ के संदर्भ में डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री बैक्टीरिया के कारण होता है। यह त्वचा पर हाइपो-पिगमेंटेड पैच के रूप में दिखाई देता है, जिसमें मरीज में संवेदना की हानि होती है। कुष्ठ रोग की शुरुआत सूक्ष्म और मौन होती है और यह धीरे-धीरे चार से 40 वर्षों के बीच बढ़ती है। उन्होंने कहा कि समय से कुष्ठ की पहचान नहीं होने से बीमारी तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है और इस तरह बढ़ती है और स्थायी विकलांगता का कारण बनती है।

कुष्ठ रोग की जांच व इलाज नि:शुल्क प्रदान कराती है सरकार :

चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सौरव राय ने बताया कि कुष्ठ का सही समय पर इलाज नहीं शुरू किया गया, तो बाद में यह लाइलाज हो जाता है। जिसके बाद मरीज को आजीवन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोग समय पर कुष्ठ का इलाज करा सकें, इसके लिये सरकार जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुष्ठ रोग की जांच के साथ उसका इलाज भी नि:शुल्क प्रदान कराती है। इस क्रम में जिला से लेकर प्रखंड स्तर पर भी कुष्ठ रोग का नि:शुल्क इलाज व उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके इलाज के लिए एमडीटी (मल्टी ड्रग थेरेपी) का उपयोग किया जाता है। एमडीटी का पूरा खुराक नियमानुसार सेवन करने के बाद कोई भी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति सामान्य इंसान जैसा हो सकता है।

कुष्ठ रोग के लक्षण

- त्वचा पर थोड़े लाल, हल्के स्पॉट धब्बे होना

- हाथ या पैर की उंगली का सुन्न होना।

- त्वचा के बाल झड़ने जैसी समस्या पैदा होना

- कोई नुकीली चीज चुभाने पर भी अहसास न होना

- शरीर पर जगह-जगह चकत्ते पड़ना

- पलकें सामान्य से कम झपकना

कुष्ठ रोग की रोकथाम के लिए निम्न कारकों का उपयोग किया जा सकता है:

- बीसीजी टीकाकरण लेने से माइकोबैक्टीरियम लेप्री के खिलाफ 50 % सुरक्षा मिल सकती है

- कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र निदान और उपचार

- एक अच्छा स्वच्छ वातावरण बनाए रखें

- गुनगुना पानी पीना

- विटामिन (ए, सी, डी, ई और बी12), और जिंक, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे खनिजों से भरपूर आहार का सेवन

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट