श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में शिव पार्वती व राजा दक्ष की यज्ञ पर किया गया चर्चा

कैमूर--  जिला के चैनपुर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव स्थित सूरदास बाबा स्थल पर पंडित विश्वकांत आचार्य के सानिध्य में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में शिव पार्वती एवं राजा दक्ष के यज्ञ प्रसंग पर की गई चर्चा। विश्वकांत आचार्य जी ने कहां कि सती माता राजा दक्ष की पुत्री थीं उनके माता का नाम परसूती था सती माता का विवाह महादेव भोले शिवशंकर के साथ हुआ था। जब राजा अपने देश में यज्ञ कर रहे थे तो सभी संतो राजाओं को आमंत्रण कर दिए थे,सती माता और महादेव भोले शिव शंकर पर्वत पर थे, तभी इंद्र भगवान अपने विमान से अपने परिवार के साथ राजा दक्ष के राज्य में उनके घर  जा रहे थे। उस समय राजा इंद्र ने देखा की सती माता महादेव शिव शंकर पर्वत पर बैठे हैं। तो इंद्रदेव ने कहा कि सती माता आपके पिताजी अपने यहां यज्ञ कर रहे हैं । आप अभी यही है आप भी सती माता अपने पिता के हां यज्ञ में चलिए लेकिन सती माता बिना पिता माता के बुलाई अपने पिता के यज्ञ में चली गई और वहां पर सती माता का अनादर हुआ और उनके पति भोले शिव शंकर महादेव के नाम का भी अनादर होता है  जब सती माता अपने पिता राजा दक्ष से पूछता है कि यज्ञ मंडप में सभी देवता सभी ऋषि मुनि का स्थान है, औ मेरे पति महादेव शिव शंकर का कहीं भी स्थान नहीं बनाया गया है तो राजा दक्ष ने कहा कि मैं भोले शिव शंकर को भगवान नहीं मानता और वह भूतों के साथ रहने वाले और हड्डियों को सांपों को धारण करने वाले हैं इसलिए इस यज्ञ में उनका कोई स्थान नहीं है । इतना अपमानजनक शब्द अपने पति के बारे में सुनकर सती माता यज्ञ महा अग्नी कुंड में अपने शरीर को त्याग देती है यही है  सती एवं भोले शिव शंकर महादेव की कथा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय अधिवक्ता मंटू पांडे  महेंद्र पांडे अभिषेक पांडे दद्दन पांडे दयाशंकर पांडे मिथिलेश पांडे राहुल पांडे बेचू तिवारी शिक्षक मनोज कुमार श्रीवास्तव मनोज पांडे   शीतला माता के सेवक मुकेश बाबा बब्बन पांडे बम बम पांडे सोनू पांडे अखिलेश्वर पांडे अधिवक्ता निसार अंसारी काफी संख्या में श्रोतागण उपस्थित  थे रात्रि में 11:00 बजे से 4:00 बजे भोर तक रासलीला का भी कार्यक्रम चल रहा है जो वृंदावन के कलाकार अपने कल से दर्शकों को प्रसन्न कर रहे हैं

गीता कथा समय 7:00 बजे शाम से रात्रि 11:00 तक प्रतिदिन एवं 11:00 बजे रात्रि से 4:00 बजे भोर तक प्रतिदिन रासलीला चल रहा है 9 दिवसीय यज्ञ दिनांक 15 जून 2024 को है समापन उसी दिन होगा प्रसाद  वितरण।

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