कौन कहते हैं भगवान आते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं...की गाना गा एसडीओ एवं बीडीओ ने बांधा समां

बेगूसराय से ब्यूरो चीफ दयानंद कश्यप की रिपोर्ट

बरौनी।।  सांस्कृतिक कार्यक्रम से न केवल हमारे सनातन की मजबूती को समझने का मौका मिलता है अपितु जो इंसान इस ईश्वर की महत्ता से कट जाते हैं, यही कार्यक्रम उसे ना सिर्फ याद दिलाने का कार्य करता है मसलन सकारात्मक ऊर्जा और सोच संचार करते हुए अपने अंदर की जीवन शैली को भी निखारने में मदद कर पाता है. चूंकि समाज में सांस्कृतिक कार्यक्रम जीवन शैली पर एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है और यह समाज कल्याण सिद्धि में एक महत्वपूर्ण रोल प्ले करता है. उक्त बातें बुधवार को आलूचट्टी रोड स्थित नवयुवक संघ पूजा समिति के तत्वाधान में आयोजित छह दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तेघड़ा एसडीओ राकेश कुमार ने कहा. इस दौरान एसडीओ श्री कुमार ने कौन कहते हैं भगवान आते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं...की गाना गाकर हजारों की संख्या में मेलार्थियों सह दर्शक दीर्घा में मौजूद श्रद्धालु श्रोताओं के बीच इस कदर समां बांध दिए. ज्यों ज्यों एक ओर अनुमंडल के इस सक्षम पदाधिकारी के द्वारा उक्त भक्ति गान की स्वर मुखर होती रही, दूसरी ओर उपस्थित खास एवं आम जनसाधारण श्रोताओं ने तालियों के साथ साथ गानों की बोल गुनगुनाते रहे जो बेहद ही आकर्षण का केंद्र बना रहा. गौरतलब हो कि गणेश मेहता की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार उर्फ विक्की ने किया जबकि आगंतुकों का स्वागत सचिव रवि कुमार मुन्ना ने किया. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि बीडीओ तेघड़ा राकेश कुमार, डा. केशव गांधी, क्यूम आजाद, राम उदगार शर्मा आदि उद्घाटन का साक्षी बने. वहीं, दूसरी ओर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला के पावन अवसर पर वैश्य पोद्दार समिति बरौनी इकाई के बैनर तले आलूचट्टी रोड में शुद्ध पेय जल का काउंटर लगाया गया है. जहां इस मार्ग से भ्रमण करने वाले तमाम मेलार्थियों के लिए निःशुल्क पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है. इस आशय की जानकारी साझा करते हुए अध्यक्ष अशोक पोद्दार ने बताया कि ऐतिहासिक इस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला में बरौनी से लेकर तेघड़ा के दर्जनों स्थलों पर मुरलीधारों का मंडप बनाया गया है. इसको लेकर पूरे छह दिनों तक क्षेत्र में वृंदावन जैसा माहौल प्रतीत होता है. दूरदराज से भी मेलार्थियों द्वारा भ्रमण का सिलसिला शाम ढलते ही लगातार जारी रहती है. इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने कार्यालय के समीप निःशुल्क पेय जल की व्यवस्था की गई है.

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