भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर चुनावी घमासान

क्या रियाज आज़मी का टिकट वापस होगा ?

महाविकास आघाड़ी में दरार गहराई 


भिवंडी। भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर सियासी समीकरणों में भारी उलटफेर देखने को मिल रहा है। सपा द्वारा गठबंधन तोड़ते हुए रियाज आज़मी को उम्मीदवार बनाए जाने से महाविकास आघाड़ी के घटक दलों में नाराजगी साफ दिख रही है। कांग्रेस ने सपा के इस कदम पर तीखा विरोध जताया है और अब 4 नवंबर तक यह फैसला होना है कि रियाज आज़मी चुनावी मैदान में बने रहेंगे या नहीं।

गठबंधन पर संकट के बादल ::::

सपा के फैसले से महाविकास आघाड़ी में खलबली मच गई है। कांग्रेस ने भिवंडी पश्चिम से दयानंद चोरघे को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि महायुति भाजपा से महेश चौगुले अपनी जीत की हैट्रिक की उम्मीद के साथ मैदान में हैं। वहीं, AIMIM के वारिस पठान, अपक्ष खालिद गुडडू, और विलास आर.पाटिल भी पूरी तैयारी से ताल ठोक रहे हैं, जिससे यह चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है।

सुरेश टावरे का सख्त बयान ::::

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुरेश टावरे ने मंच से सपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब भिवंडी पूर्व सीट पर सपा उम्मीदवार रईस शेख का समर्थन नहीं करेगी। यह बयान सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है और इससे रईस शेख की स्थिति मुश्किल में आ गई है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के इस रुख से भिवंडी पूर्व में सपा की जीत की संभावना कम हो सकती है।

क्या बाहरी बनाम भूमिपुत्र का मुद्दा बनेगा निर्णायक ?

इस चुनाव में बाहरी बनाम स्थानीय (भूमिपुत्र) का मुद्दा भी जोर पकड़ रहा है। भिवंडी पश्चिम और पूर्व, दोनों ही सीटों पर स्थानीय नेतृत्व की मांग तेज हो रही है। रईस शेख को बाहरी उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है, जबकि स्थानीय नेता इस बार भूमिपुत्रों की आवाज बुलंद कर रहे हैं। यह फैक्टर भी सपा के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है।

4 नवंबर की उलटी गिनती शुरू :::

भिवंडी के राजनीतिक गलियारों में 4 नवंबर का दिन निर्णायक माना जा रहा है। क्या रियाज आज़मी अपना नामांकन वापस लेंगे, या फिर यह विवाद महाविकास आघाड़ी को तोड़ने की दिशा में ले जाएगा ? गठबंधन की यह दरार सपा के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है।

चुनावी महायुद्ध का मंच तैयार ::::

आज की चुनावी स्थिति को देखते हुए भिवंडी पश्चिम में इस बार पांच प्रमुख उम्मीदवारों के बीच जबरदस्त मुकाबला होने की संभावना है। महेश चौगुले जहां भाजपा के लिए तीसरी बार जीत की उम्मीद में हैं, वहीं कांग्रेस और अन्य दल भी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। रियाज आज़मी की उम्मीदवारी पर सस्पेंस ने पूरे चुनावी परिदृश्य को रोमांचक बना दिया है।

क्या बिखर जाएगी महाविकास आघाड़ी‌ ? ::::

महाविकास आघाड़ी के इस टूट का असर केवल भिवंडी तक सीमित नहीं रहेगा। यह संकट गठबंधन की राजनीतिक स्थिरता पर बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में सपा और कांग्रेस के बीच यह खींचतान किस रूप में सामने आती है और भिवंडी की जनता किसे अपना नेता चुनती है। इस सियासी खेल ने भिवंडी के चुनावी माहौल को बेहद तनावपूर्ण और रोमांचक बना दिया है।

रिपोर्टर

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