भिवंडी ग्रामीण में शांताराम मोरे की हैट्रिक के साथ धमाकेदार जीत

भिवंडी। भिवंडी ग्रामीण विधानसभा सीट पर शिवसेना शिंदे गुट के शांताराम मोरे ने इतिहास रचते हुए लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। मोरे ने शिवसेना ठाकरे गुट के महादेव घाटाल को भारी अंतर से हराकर अपनी विजय यात्रा को जारी रखा। शांताराम मोरे को कुल 1,27,205 वोट मिले, जबकि महादेव घाटाल को 69,243 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। मोरे ने 57,962 वोटों के अंतर से यह बड़ी जीत दर्ज की।

इस चुनाव में जिजाऊ संगठन की निर्दलीय उम्मीदवार मनीषा ठाकरे ने 24,304 वोट पाकर तीसरा स्थान हासिल किया। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की वनिता कथोरे, जो पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर थीं, इस बार केवल 13,816 वोट पाकर चौथे स्थान पर खिसक गईं। वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रदीप हरणे को 2,715 और भारतीय क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी के विष्णु पाडवी को मात्र 549 वोट मिले। 2,571 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना.चुनाव से पहले भाजपा की बागी उम्मीदवार स्नेहा पाटील ने प्रचार अभियान रोकते हुए शांताराम मोरे का समर्थन किया। हालांकि, इसके बावजूद उन्हें 1,057 वोट मिले।

शांताराम मोरे के खिलाफ चुनाव से पहले बड़े विरोध की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन उनकी रणनीति ने सभी अनुमानों को गलत साबित कर दिया। लाडकी बहन योजना, अंतिम समय में भाजपा का समर्थन, और शिवसेना (ठाकरे गुट) के कई नेताओं का शिंदे गुट में शामिल होना उनकी जीत के अहम कारण बने।शांताराम मोरे ने पहले ही राउंड से बढ़त बनानी शुरू कर दी थी, जिसे महादेव घाटाल कभी भी कम नहीं कर सके। उनकी इस धमाकेदार जीत ने यह साबित कर दिया कि शिंदे गुट का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत है। भिवंडी ग्रामीण में शांताराम मोरे की जीत ने न केवल उनकी लोकप्रियता को उजागर किया, बल्कि क्षेत्र में शिंदे गुट की पकड़ को भी मजबूत किया है। अब जनता की नजर इस बात पर होगी कि मोरे अपने वादों को किस हद तक पूरा कर पाते हैं।

रिपोर्टर

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