कुंभ व अखाड़ो पर एक साथ पांच पुस्तकों को किया गया प्रकाशित

कैमूर- जिला मुख्यालय भभुआं तिवारी टोला निवासी लब्धप्रतिष्ठित शिक्षक रहे स्व. जवाहर तिवारी के सुपुत्र प्रो. विवेकानंद तिवारी ने कुम्भ और अखाडो पर एक साथ पांच पुस्तक प्रकाशित कर सनातन धर्म और परम्परा को पुष्प करने का कार्य किया है। कुम्भ के आयोजन का उद्देश्य  सामूहिक चिंतन था। ऋषि, महर्षि, ब्रह्मर्षि एक समय और स्थान विशेष पर बड़ी संख्या में उपस्थित होकर समाज, राष्ट्र और प्रकृति की समस्याओं पर सामूहिक चिंतन करते थे और  चिंतन निष्कर्ष रुपी अमृत से समाज, राष्ट्र और प्रकृति लाभान्वित होती थी। इसका उद्देश्य है कि व्यष्टि और समष्टि जीवन को धर्मादर्श के उच्च सिंहासन पर सुदृढ़ रूप में प्रतिष्ठित करना। प्रकाशित पुस्तकों का नाम सनातन समागम महाकुम्भ, महाकुम्भ, सामाजिक समरसता, हिन्दू समागम, तीर्थराज प्रयाग और महाकुम्भ, सनातन धर्म एवं परम्परा के रक्षक अखाड़े तथा 5 दैवीय शक्ति संपन्न किन्नर और किन्नर अखाड़े। किन्नर अखाड़े पर देश में सर्वप्रथम कार्य करने का श्रेय प्रो० तिवारी को जाता है। इस कार्य से सनातनधर्मियो मे प्रसन्नता का भाव है, साथ ही इस  कार्य रुपी उपलब्धि से जिला का मान सम्मान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाकर प्रो. तिवारी ने जिले को गौरवान्वित किया। प्रो.तिवारी की  150 से ज्यादा पुस्तकें और 250  से ज्यादा शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है। अनेक संस्थाओं से डॉ.तिवारी को प्राप्त सम्मानो में "भारत भारती सम्मान, " मालवीय शिक्षा सम्मान", "राष्ट्र गौरव सम्मान" एवं "महाशक्ति सम्मान" "शारदा शताब्दी सम्मान"विशेष उल्लेखनीय है।

आपकी पुस्तकों का लोकार्पण शंकराचार्य, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, संघप्रमुख और अनेक राज्यों के राज्यपाल ने कर चुके हैं। सम्प्रति आप हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में प्रोफेसर और हेड है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट