ज्योतिबा फुले शाहू अंबेडकर बहुजन मेला तृतीय दिन सम्पन्न

बहुजन महापुरुषों के विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएं - रामजी गौतम 


 कैमूर ।। ज्योतिबा फुले शाहूबेडकर बहुजन मेला समिति कैमूर भभुआ के तत्वाधान में डाक्टर भीमराव अम्बेडकर कल्याण छात्रावास भभुआ के परिसर में ज्योतिबा फुले शाहू आंबेडकर बहुजन मेला आयोजित तीसरे दिन संपन्न हुआ। मेले की अध्यक्षता आनंद कुमार दिनकर एवं संचालन सरोज कुमार व उमेश कुमार गौतम ने किया। बहुजन मेले के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सह बसपा के राष्ट्रीय कोर्डिनेटर रामजी गौतम ने कहा कि देश की आजादी से पूर्व महात्मा ज्योतिबा फुले माता सावित्रीबाई फुले छत्रपति शाहू जी महाराज तथा अन्य संतों, गुरुओं एवं बहुजन महापुरुषों ने एक ऐसे दौर में सामाजिक जागरूकता की मशाल जलाई,जब समाज में समानता का अधिकार एक सपना मात्रा था।उस काल में महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता था। बहुजन वर्ग को पढ़ने लिखने, सोचने और अपने अधिकारों की बात करने तक का अधिकार नहीं था। लेकिन इन महापुरुषों ने न सिर्फ इन चुनौतियों का डटकर सामना किया, बल्कि उस समय की विषम परिस्थितियों में भी सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने हमें ये सिखाया कि अगर समाज में बदलाव लाना है, तो पहले खुद को शिक्षित करना होगा, संगठित होना होगा, और संघर्ष करना होगा। मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली प्रोफेसर डॉक्टर नेत्रपाल ने कहा कि आज का मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि उन क्रांतिकारी विचारों की गूंज है, जिन्होंने समाज को जागरूक किया, आत्म सम्मान की भावना को पैदा किया और बहुजन समाज को दिशा दिया बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर न केवल भारत में संविधान निर्माता थे, बल्कि वो एक क्रांतिकारी विचारक, समाज सुधारक और मानवता के सच्चे प्रहरी थे। उन्होंने अपने जीवन में सभी महापुरुषों ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, शाहू जी महाराज, संत कबीर, संत रविदास, और अन्य संतों के विचारों का गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने इन विचारों को सिर्फ पढ़ा नहीं, बल्कि उन्हें आत्मसात कर अपने जीवन दर्शन और सामाजिक दृष्टिकोण का हिस्सा बनाया। बाबा साहेब ने समक्षा कि अगर इस देश को सही मायनों में आजादी चाहिए, तो केवल राजनीतिक आजादी से काम नहीं चलेगा सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक आजादी भी उतनी ही जरूरी है। इसलिए उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में ऐसा ढांचा प्रस्तुत किया, जिसमें हर जाति, धर्म, वर्ग और लिंग के व्यक्ति को सम्मान अधिकार मिले।अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ बिहार सचिव जनार्दन राम कहा कि इस मेले का उद्देश्य बहुजन महापुरुषों से प्रेरणा लेकर समाज में समता भाईचारा और जागरूकता का संदेश जन-जन तक पहुंच सके। मेले को विशिष्ट अतिथि बसपा इलाहाबाद उच्च न्यायालय अधिवक्ता सुरेश राव  आदि लोगों ने सम्बोधित किया। मेले में शेष मुनि सिंह पटेल, राम नगीन पाल, विजय कुमार, उमेश कुमार, रविंद्र कुमार, सोनू कुमार भारती,रवि कुमार, छात्र अध्यक्ष विपिन कुमार, पुरुषोत्तम कुमार,अनुज कुमार, बबलू कुमार,रविरेक्ष, मनोज कुमार, सासाराम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी संतोष कुमार,बसपा प्रदेश महासचिव अरुण कुमार, प्रदेश महासचिव मानकी देवी, प्रदेश सचिव राम इकबाल राम, कैमूर जिला पार्षद के पूर्व चेयरमैन विशंभर नाथ सिंह उर्फ वकील यादव,

कैमूर जिला पार्षद सह विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल,नगर परिषद सभापति विकास कुमार तिवारी उर्फ बबलू, बसपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुणाल किशोर विवेक, पूर्व प्रत्याशी रामगढ़ सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू, बसपा नेता राजा खान,कैमूर बसपा जिला अध्यक्ष छोटेलाल राम, जिला सचिव संतलाल राम,पितांबर कुमार, अयोध्या कुमार, हाजी शेख शमी अख्तर,विक्रमा खरवार,जमील खान, पूर्व मुखिया प्रभु सिंह कुशवाहा, पूर्व मुखिया रामकुमार राम, विजय पाल, प्रियांशु कुमार, डॉ अखिलेश राम, अवधेश कुमार रमन, सुंदरेश्वर राम, मुकेश पासवान, सुरेन्द्र राम सहित हजारों लोगों ने भाग लिया।

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