राजकीय प्रारंभिक एवं उच्च विद्यालयों में चेतना सत्र में योग व्यायाम के लिए केवल 5 मिनट समय का निर्धारण काफी नहीं

संवाददाता श्याम सुंदर पाण्डेय की रिपोर्ट 

दुर्गावती(कैमूर)-- निदेशक, माध्यमिक शिक्षा,विभाग पटना, बिहार सरकार के पंत्राक668 दिनांक 6-4-2025 द्वारा विद्यालयों के लिए कई नियम बनाए गए और एक आदेश भी जारी किया गया है, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास से संबंध रखता है,इसके लिए सरकार के लगातार प्रयासरत होने का संकेत भी है। सरकार के द्वारा उसी प्रयास में विद्यालयों के लिए माडल टाईम टेबल भी जारी किया गया जिसमें विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए योग,व्यायाम,प्राणायाम, को भी स्थान दिया गया है। विद्यालय गर्मी में सुबह के सत्र से संचालित हो रहे हैं जिसमें अधिकांश बच्चे खाली पेट आते हैं इसलिए योगाभ्यास कराना बेहतर होगा। बच्चों को योगाभ्यास नियमित कराने पर विशेष लाभ होगा।   इसलिए सरकार को योगाभ्यास के लिए न्युनतम कम से कम 30 मिनट का समय निर्धारित करना चाहिए जिससे बच्चों को विशेष लाभ प्राप्त हो सके। योग की प्रक्रिया बहुत लंबी है फिर भी कुछ योग ऐसे हैं जिसका नियमित अभ्यास करने से मन तथा शरीर दोनों निरोग रहेगा। इसलिए टाइम टेबल में योग की समय सीमा स्वास्थ्य के हित को देखते बढाने की जरूरत है।श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है की योग: कर्मसु कौशलं

अर्थात योग से कर्मों में कुशलता आती है। व्यवहारिक स्तर पर योग शरीर,मन और भावनाओं में संतुलन एवं सामंजस्य स्थापित करने का एक साधन है ऐसा धर्मशास्त्र भी कहते हैं।

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