भिवंडी में २०,००० से ज्यादा अवैध बांधकाम पर हाई कोर्ट का डंडा ।
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- May 08, 2019
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भिवंडी में २०,००० से ज्यादा अवैध बांधकाम पर हाई कोर्ट का डंडा ।
भिवंडी । सवाददाता । मुंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे जिला अधिकारी को फटकार लगाते हुए भिवंडी के कृषि भूमि पर किए गए अवैध हजारों गोदामों के निर्माण कार्य को निरीक्षण करने और अवैध पाए जाने पर उन्हें ध्वस्त करने का निर्देश जारी किया है। तथा इन अवैध गोदामों के बनने में सहयोग करने वाले भष्ट्र अधिकारी पर भी कारवाई करने का आदेश ठाणे जिला अधिकारी को दिया है। जिसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट दैनिक व मासिक कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है।
बता दें कि मुंबई उच्च न्यायालय में राहुल जोगदंड द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा था कि भिवंडी तालुका के ६० गाँवों से ज्यादा गाँवों के कृषि भूमि पर अवैध प्रकार से इमारतों व मुख्य रूप से वाणिज्यिक गोदामों का निर्माण किया गया है। जिसमें महाराष्ट्र शासन की राजस्व की हानि हुई है।
जोगदंड ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने जिला अधिकारी के संबंधित विभागों में सुचना अधिकार अधिनियम कायदा २००५ ( आरटीआई ) के अंर्तगत सुचना मांगी थी। कि भिवंडी तालुका के खेती के जमीन पर इमारतों की संख्या कितनी है। लेकिन संबंधित विभागों ने इसकी जानकारी नहीं दी । उन्होंने यह भी कहा कि इसी मुद्दे पर बार बार शिकायत करने पर भी संबंधित विभागों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी । गत शुक्रवार को सुनवाई करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे जिला अधिकारी को भिवंडी में कृषि भूमि पर किए गए हजारों निर्माणों का निरीक्षण करने और अवैध पाए जाने पर उन्हें ध्वस्त करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति नितिन जामदार की पीठ ने कहा कि जोगदंड की याचिका 2013 में दायर की गई थी और लंबे समय तक, किसी भी अधिकारी ने खेेेती केे जमीन पर अवैध निर्माण के बारे में सटीक विवरण प्रस्तुत नहीं किया
महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (MSLSA) के सचिव को स्थानीय राजस्व अधिकारियों और जोगदंड के साथ इन इमारतों का संयुक्त निरीक्षण करने और छह सप्ताह के भीतर, 60 से ज्यादा गाँवो में अवैध निर्माणों की संख्या का विवरण देने तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। हालाँकि MSLSA के सचिव ने हाल ही में बताया कि इन गाँवों में 20,000 से अधिक अवैध निर्माण हुए हैं वही पर सौंपे गए कार्य को पूरा करना संभव नहीं होगा। 3 मई को मुंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे के जिला अधिकारी को एक टीम बनाने और कानून के अनुसार आदेश पारित करने तथा ना केवल अनधिकृत इमारतों तथा गोदामों को विध्वंस की आवश्यकता के लिए बल्कि उन भष्ट्र अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिन्होंने [अवैध] निर्माणों के लिए अपनी आंखें मूंद लीं थी। वही पर मा.न्यायाधीश ने कहा कि जिलाधिकारी तथा ठाणे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अवैध इमारतों तथा गोदामों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर द्वैमासिक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया, जो एमएसएलएसए को अर्धवार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इस आदेश से गोदाम मालिकों मे हलचल पैदा हो गई है।
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