धर्मांतरण प्रकरण पर कोर्ट ने किया जवाब तलब

जौनपुर ।। जौनपुर कचहरी के एसीजेएम पंचम की कोर्ट में चंदवक थाना क्षेत्र के भूलनडीह में धर्मांतरण प्रकरण में 8 माह बाद भी विवेचना नहीं भेजने पर जवाब तलब किया है। विवेचक को 29 मई तक भी विवेचना प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस मामले में अधिवक्ता बृजेश सिंह की अर्जी पर कोर्ट के आदेश पर 5 सितंबर 2018 को मूर्ति पूजा का उपहास करने धर्मांतरण और नशीली दवाओं से इलाज करने का आरोप लगाया था। जांच में शिथिलता का आरोप मे पहले एक विवेचक को स्थानांतरित कर दिया गया था।

अधिवक्ता के आवेदन पर कोर्ट के आदेश के बाद ईसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 217 लोगों पर धोखाधड़ी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। वादी ने विवेचक को बयान दिया था कि आरोपी जौनपुर जिले समेत 4 जिले में सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार प्रसार, प्रवचन करते हैं। लोगों को धोखा एवं रुपए का लालच देकर धर्मांतरण कराते हैं। सनातन धर्म की उपासना पद्धति व मूर्ति पूजा का उपहास उड़ाते हैं। लोगों को नशे की दवाइयां खिलाकर उपचार का दावा करते हैं । गंभीर बीमारी ठीक होने की झूठी गवाही लोगों से दिलवाते हैं। देवी-देवताओं के अपमान और उनके प्रति घृणा पैदा करने से धार्मिक उन्माद भड़क सकता है। प्रमोद समेत आठ गवाहों ने पुलिस अधीक्षक को शपथ पत्र के जरिए अपना बयान दिया कि प्रार्थना सभा संचालक दुर्गा प्रसाद यादव अपने चार-पांच व अन्य साथियों के साथ आए और सनातन धर्म और मूर्ति के खिलाफ लोगों को भड़काया और धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया।इस मामले में सही तरीके से विवेचना न करने की पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए वादी नेविवेचक के खिलाफ कठोर कार्यवाही की भी मांग की। धीमी गति से विवेचना के कारण सारे सबूत नष्ट हो गई और अभियुक्तों को फायदा पहुंचा।

रिपोर्टर

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