मारकंडेय महादेव को जलाभिषेक करने के लिए बोदरी गांव से रवाना हुए कांवरिया

जौनपुर ।। रविवार के दिन मारकंडेय महादेव के यहा बोदरी गांव के कांवरियों ने कावर जुलुस बुडऊ बाबा व महादेव मन्दिर पर हवन पुजन श्रध्दापूर्वक कर गांव के साथ बाबा धाम रवाना होते हुए सोमवार के रात्रि के अवसर पर कावंरियो के संग 3 बजे  जल चढाया जायेगा और उनकी सेवा की जायेगी। उपस्थितजनो को सम्बोधित करते हुए कावंरियो के लोगों ने कहा कांवर में जल लेकर भगवान मारकंडेय महादेव का जलाभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस परंपरा की कड़ी में भगवान राम का नाम भी शामिल है।

कांवर लेकर शिव जी को अर्पित करना एक प्रकार की तपस्या है और हर तपस्या के कुछ नियम होते हैं। कांवरियों के लिए भी शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। शास्त्र कहता है कि कांवडिय़ों को सात्विक और शुद्घ आहार लेना चाहिए। कांवर को कभी भी भूमि पर नहीं रखें। आचरण और विचार शुद्घ रखें। निंदा से बचें और किसी को कटु शब्द नहीं कहें। कांवर यात्रा के दौरान काम क्रोध से बचें और भगवान शिव का ध्यान करते रहें। आनंद रामायण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान श्री राम ने कांवरिया बनकर सुल्तानगंज से जल लिया और देवघर स्थित बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक किया।

भगवान शिव के परम भक्त लंकापति रावण ने भी शिव जी को कांवर चढ़ाया था। शिव जी को कांवर चढ़ाने वालों में भूतनाथ भैरव का भी नाम आता है। उन्होंने कहा की कांवर और शिव भक्ति के संबंध में यह भी कहा गया है कि स्कन्धे च कामरं धृत्वा बम.बम प्रोज्य क्षणे.क्षणे, पदे.पदे अश्वमेधस्त अक्षय पुण्यम् सुते।। यानी कांधे पर कांवर रखकर बोल बम का नारा लगाते हुए चलने से हर कदम के साथ एक अश्वेध यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है। कांवर यात्रा मे उपस्थित सतीश राजभर रवी राजभर राज कुमार राजभर रविंद्र राजभर अच्छेलाल राजभर पवन राजभर मनोज राजभर सुदर्शन राजभर सूरज राजभर नीरज राजभर आकाश राजभर रामप्रवेश राजभर अनिल राजभर दिलीप यादव किरन राजभर पंकज राजभर आदि लोग रवाना हुए।

रिपोर्टर

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