30 अगस्त को एक दिवसीय ध्यानाकर्षण दिवस

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. गदेला की रिपोर्ट

जौनपुर : ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी  समन्वय समिति,उत्तर प्रदेश,लखनऊ  के केंद्रीय नेतृत्व  के आह्वान पर एक दिवसीय ध्यानाकर्षण दिवस दिनांक 30 अगस्त 2019 (शुक्रवार) को पूर्वान्ह 10:00 बजे से कार्यक्रम चलने तक कलेक्ट्रेट परिसर (एडीएम कार्यालय के सामने) किया जाएगा।
इस धरने का उद्देश्य

ग्राम पंचायत सचिवों की शासन स्तर पर लंबित

 शैक्षणिक योग्यता स्नातक,
 ग्रेड पे 2800 एवं एसीपी में पदोन्नति पद का वेतनमान अब तक न मिलने के विरोध में

जनपदीय उत्पीड़न के विरुद्ध

*मध्य सत्र में नियम विरुद्ध सचिवों का स्थानांतरण एवं जिलाधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत समूह के आवंटन की पंचायतीराज एक्ट एवं कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा दी गयी व्यवस्था को दरकिनार कर विधि विरुद्ध असंदर्भित अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से ग्राम पंचायत क्लस्टर का आवंटन.

* निराश्रित गौ सेवा केंद्रों के संचालन में ग्राम सचिव की एकल जिम्मेदारी तय करते हुए उत्पीड़न एवं निलंबन के विरुद्ध.

* जीपीडीपी योजनांतर्गत ग्राम पंचायत,विकास खंड एवं जिला स्तर पर मूलभूत अवस्थापना सुविधा (सपोर्टिंग सिस्टम- कंप्यूटर,जनरेटर, ऑपरेटर,एकाउंटेंट, तकनीकी इंजीनियर,मल्टीमीडिया सेट आदि) विकसित/ उपलब्ध कराए बगैर बिना किसी प्रभावी व्यवहारिक सम्यक ट्रेनिंग के पीएफएमएस प्रणाली से 14वें वित्त/राज्य वित्त की धनराशियों का भुगतान कराने हेतु सचिवों से सुपर कंप्यूटर की तरह उम्मीद एवं व्यवहार करना.

*स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में एलओबी फेस 2 एवं यूनिवर्सल सैनिटेशन कम्पेन मे शासनादेश के अनुरूप लाभार्थियों के खाते में  धनराशि अंतरित करने के बाद भी उच्चाधिकारियों द्वारा लेबर/मिस्त्री से लेकर शौचालय प्रयोग तक की समस्त जिम्मेदारी ग्राम सचिव के सर पर मढी जा रही है जबकि उक्त कार्य हेतु मनरेगा की तरह समस्त स्तरों पर पैरा स्टाफ नियुक्त है। स्थलीय निरीक्षण में आने वाले मंडल से लेकर एनजीओ तक के अधिकारियों द्वारा सिर्फ क्षिद्रान्वेषण, नकारात्मक माहौल एवं आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

*राज्य वित्त 14वें वित्त में दिए गए दिशा निर्देशों के विपरीत कार्य कराने हेतु नित नए पत्र जारी होना तथा भ्रम की स्थिति बनना।

*प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना मे पात्र लाभार्थियों के चयन की आपाधापी/अस्त व्यस्त व्यवस्था में *शासनादेश के अनुसार सचिव एवं प्रधान की आवास आवंटन में प्रभावी भूमिका न होने के बाद भी* अपात्रों का चयन होने पर, लाभार्थी से पूर्ण वित्तीय वसूली सरकारी खाते में कराने के बाद भी सीजेएम कोर्ट से धारा 156/3 के तहत एफ आई आर की कार्यवाही एवं रिकवरी की नोटिस दी जा रही है। डीआरडीए,जौनपुर द्वारा संबंधित प्रकरण में धनराशि की वसूली अपात्र से किए जाने संबंधित पत्र न्यायालय में प्रेषित न किए जाने से प्रधान/ सचिव/लेखाकार/सेक्टर अधिकारी/खंड विकास अधिकारी आदि विवेचना में फस रहे हैं तथा व्यक्तिगत पैरवी कर आर्थिक/ मानसिक शोषण के शिकार हो रहे हैं, जो अत्यंत आपत्तिजनक एवं खेद जनक है।

* निलंबित कर्मचारियों की बहाली  की दिशा में विभागीय सकारात्मक  प्रयास का अभाव, ससमय एसीपी/ इंक्रीमेंट का निर्धारण न होना, समस्त पटल सहायकों के पटल पर सेवा पुस्तिका,जीपीएफ, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पावनो आदि की समीक्षा का घोर अभाव, दो वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके  युवा सचिव के स्थायीकरण  की प्रक्रिया का न शुरू होना,प्रत्येक माह अनंत कारणों में से किसी एक का सहारा लेकर वेतन बाधित करना, शासन द्वारा बार-बार निर्देश देने एवं संगठन के अनुरोध के बाद भी कर्मचारी समस्या निवारण दिवस का आयोजन न होना आदि।

 जनपद के समस्त विकास खंडों में कार्यरत समस्त ग्राम विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारीगण इसमें सहभागी होंगे।

रिपोर्टर

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