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- एबी न्यूज, डेस्क संवाददाता
- Jul 04, 2018
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ऑफिस की टेंशन हो या घर के काम, गर्मागर्म चाय पीते ही शरीर की सारी थकान झट से गायब हो जाती है। लेकिन अगर यही चाय आप गलत कप में डालकर पीते हैं तो ये आपका मूड फ्रेश करने की जगह आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।आइए जानते हैं रोजमर्रा की ऐसी 5 आदतें जो हमें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार बना सकती है।
आमतौर पर ठेले या ढाबे पर मिलने वाली चाय प्लास्टिक के कप में ही मिलती है। पर क्या आप जानते हैं इस तरह चाय पीना गर्म जहर पीने के बराबर है। दरअसल, कप बनाने के लिए जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है उसमें बिस्फिनॉल-ए और डाईडथाइल हेक्सिल फैलेट नामक केमिकल मौजूद होता है। जैसे ही यह गर्म चीज के संपर्क में आता है, यह टूटकर उसमें घुलने लगता है। जब ऐसी कप में गर्म चाय डालते हैं तो ये केमिकल्स चाय में घुलकर हमारे शरीर के अंदर जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।सिर्फ चाय नहीं, बल्कि प्लास्टिक की बनी प्लेट्स में भी खाना खाना उतना ही हानिकारक है। किसी रेस्तरां से खाना पैक कराते समय आप देखेंगे कि वो भी प्लास्टिक के बर्तन या पैकेट में ही आपका खाना पैक करता है। इस तरह वह खाना भी नुकसानदायक बन जाता है। प्लास्टिक की जगह पेपर या थर्माकोल से बने डिस्पोसेबल कप में ही चाय-कॉफी पिएं। अगर कुल्हड़ वाली चाय मिल जाए, तो फिर कहना ही क्या!जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय में ल्यूटेनबर्ग सेंटर फॉर इम्यूनोलॉजी और कैंसर रिसर्च के चेयरमैन प्रोफेसर ईटन यफेनोफ के अनुसार माइक्रोवेव में बनने वाले पॉपकॉर्न आर्टिफिशियल मक्खन से भरे हुए होते हैं। जिससे आने वाली खुशबू में विषाक्त यौगिक डियसेटयल मौजूद होते हैं जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं। यही कारण है कि इन माइक्रोवेव पॉपकॉर्न को "मक्खन बम" भी कहा जाता है। 
भोजन पकाने के लिए ग्रिलिंग प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाला उच्च तापमान भी कैंसर का एक कारण बनता है। इस प्रकिया के दौरान heterocyclic और  पॉलीसाइक्लिक सुगंधित हाइड्रोकार्बन उत्पन्न होते हैं, जो कैंसर उत्पन्न करता है।डॉ ईसेनबर्ग कहते हैं कि वो कभी भी रेड मीट नहीं खाते हैं। इसकी जगह वो पौधों और मछली से मिलने वाले प्रोटीन पर निर्भर रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भी रेड मीट  भी कैंसर का एक कारण बन सकता है।डिब्बाबंद चीजों का क्रेज हर किसी के दिमाग पर चढ़कर बोल रहा है। प्लास्टिक की बोतलों में पैक होकर मिलने वाली सॉफ्ट ड्रिंक्स या सादा पानी पीने के बाद कई लोग उसमें दोबारा पानी भरकर उसे फ्रिज में रख देते हैं।लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि अधिकांश डिब्बे बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) नामक उत्पाद से मिलकर ही बने होते हैं। जिनसे कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में अपने डीएनए को कैंसर से बचाने के लिए ताजा सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। 

 
                         
                         
                                                                                 
                                                                                 
                                                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                
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