महागौरी देवी का आठवां रूप है मां दुर्गा

जौनपुर ।। महागौरी देवी का आठवां रूप हैं।महाअष्टमी के दिन इन्हीं की पूजा का विधान है।मां महागौरी परम कल्याणकारी हैं।ये ममता की मूरत हैं और भक्तों की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली हैं।अगर आप आर्थिक कष्ट से परेशान हैं, तो मां महागौरी की पूजा आपके आर्थिक कमी की परेशानी को दूर कर सकती है।इसके अलावा महागौरी से मनचाहे विवाह का वरदान भी मिल सकता है।

क्या है देवी महागौरी के स्वरूप की महिमा?

नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है।देवी का रंग गौर होने के कारण इनका नाम महागौरी पड़ा है। महागौरी की पूजा अर्चना से पूर्व जन्म के पाप नष्ट होते हैं।इसके साथ ही इस जन्म के दुख, दरिद्रता और कष्ट भी मिट जाते हैं।

देवी महागौरी की पूजा अर्चना से कुंडली का कमजोर शुक्र मजबूत होता है। इसलिए शादी विवाह में आई हुई परेशानियों को दूर करने के लिए महागौरी का पूजन किया जाता है।महागौरी की पूजा अर्चना से दांपत्य जीवन सुखद होता है साथ ही पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होता हैं।अष्टमी तिथि और पूजा का समय इस साल की अष्टमी 6 अक्टूबर को है

महाअष्टमी का शुभ मुहूर्त

5 अक्टूबर सुबह 09:53 बजे से अष्टमी आरम्भ।6 अक्टूबर सुबह 10:56 बजे अष्टमी समाप्त।संध्या पूजा मुहूर्त- सुबह 10:30 बजे से 11:18 बजे तक।

नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व क्या है?

नवरात्रि के आठवें दिन मां से शीघ्र विवाह का वरदान मिल सकता है।साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखमय हो सकता है।माना जाता है कि माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी।विवाह संबंधी तमाम बाधाओं के निवारण में इनकी पूजा अचूक होती है ज्योतिष में इनका संबंध शुक्र नामक ग्रह से माना जाता है।

क्या है मां गौरी की पूजा विधि?

पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करें।मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें। पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें। उसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें। अगर पूजा मध्य रात्रि में की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे।

विवाह की बाधा दूर करने के लिए ऐसे करें देवी महागौरी की पूजा अर्चना-लकड़ी के पटरे पर स्वच्छ पीला वस्त्र बिछाकर देवी महागौरी की प्रतिमा को स्थापित करें।स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करके पूरे पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।देवी महागौरी के सामने गाय के घी का दिया जलाएं और उनका ध्यान करें। देवी मां को सफेद या पीले फूल दोनों हाथों से अर्पण करें तथा मंत्र का जाप करें।प्रसाद के रूप में देवी महागौरी को नारियल अर्पण करें। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी और कन्याओं को सुयोग्य वर मिलता है।

आठवें दिन की पूजा कैसे आरम्भ करें ?

 मां की उपासना सफेद वस्त्र धारण करके करें।मां को सफेद फूल, और सफेद मिठाई अर्पित करें।फिर शुक्र के मूल मंत्र "ॐ शुं शुक्राय नमः" का जाप करें।शुक्र की समस्याओं के समाप्ति की प्रार्थना करें।नवरात्रि के आठवें दिन मां को सफ़ेद फूल अर्पित करें।इससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

नवदुर्गा का विशेष प्रसाद:-

 आज मां को नारियल का भोग लगाएं! इसे सर पर से फिरा कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।आपकी कोई एक खास मनोकामना पूर्ण होगी।

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