उत्तर प्रदेश के 100 थानों में बीट पुलिसिंग लागू, पुलिस का एक बड़ा प्रयोग

लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों से चुने गए 100 थानों में गुरुवार से बीट पुलिसिंग लागू हो गई। पुलिस सुधारों की दिशा में इसे भी एक बड़ा प्रयोग माना जा रहा है। दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने लखनऊ महानगर व गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की थी।पिछले दिनों लखनऊ में हुए आल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पुडुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरण बेदी ने यूपी पुलिस को बीट पुलिसिंग लागू करने की सलाह दी थी। अब पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 100 थानों में इसे लागू किया जा रहा है। रेंज मुख्यालय वाले 18 जिलों के अलावा सात अन्य जिलों गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मथुरा, बिजनौर, जौनपुर व सीतापुर से दो-दो थानों को चुना गया है। प्रदेश के 50 जिलों से एक-एक थाने का चयन किया गया है। इन थानों में उच्चतम मानक के संसाधन मुहैया कराए गए हैं ताकि बीट पुलिसिंग को लागू किया जा सके।डीजीपी ओपी सिंह ने इन जिलों के पुलिस कप्तानों से कहा है कि चयनित थाने पर उपलब्ध मैनपॉवर में से कम से कम 40 प्रतिशत कर्मचारियों को बीट ड्यूटी के लिए लगाया जाए। बीट पुलिस अधिकारी हफ्ते में कम से कम एक दिन अपने बीट क्षेत्र में अवश्य घूमें। उन्होंने इन बीट पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर एक छोटा शस्त्र, सरकारी मोटरसाइकिल, डाटा प्लान के साथ सीयूजी फोन, वायरलेस सेट व बैटन के अलावा यथासंभव बाडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।दूसरे राज्यों को लुभा रही यूपी की कमिश्नर प्रणाली प्रदेश में लागू पुलिस कमिश्नर प्रणाली दूसरे प्रदेशों को लुभाने लगी है। इस बीच अधिकारों के बंटवारे को लेकर प्रदेश के आईएएस-आईपीएस संवर्ग के अफसरों के बीच बहस जारी है।आईएएस अफसरों की तरफदारी करने वाले ‘आईएएस फ्रैटर्निटी’ नामक ट्विटर हैंडल से गुरुवार को भी हमले किए गए। यह ट्विटर हैंडल आईपीएस अफसरों को निशाना बनाकर टिप्पणियां कर रहा है। उधर सूत्रों के अनुसार यूपी के कुछ पड़ोसी राज्यों से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया और उसके प्रावधानों के बारे में जानकारी मांगी है।

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