मराठा आंदोलन से गूंजा पूरा देश

छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कल्याण में शांतिपूर्ण रहा मराठा आंदोलन


हजारों मराठाओं  ने कल्याण तहसील को घेरा

सरकार का किया श्राद्ध, करवाया मुंडन

कल्याण: मराठा क्रांति मोर्चा की तरफ से शिवाजी चौक से तहसील कार्यालय तक मराठा समुदाय के द्वारा भीषण मोर्चा निकाला तथा तहसील के बाहर बैठकर आंदोलन किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई तथा राज्य सरकार द्वारा आरक्षण ना देने के कारण सरकार का श्राद्ध किया तथा मुंडन करवाया। दिन भर के आंदोलन के बाद शाम 5 बजे तहसीलदार को मांगों का निवेदन पत्र सौंपा।

गौरतलब हो कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सम्पूर्ण महाराष्ट्र में मोर्चा निकालकर प्रदर्शन किया तथा बंद का आहवाहन किया जिसका प्रभाव कल्याण शहर पर भी पड़ा और हजारों की संख्या में मराठा बंधुओं ने आंदोलन में सहभागी होकर इसका समर्थन किया। सुबह 10 बजे के करीब शिवाजी चौक पर सभी एकत्रित होने लगे और धीरे धीरे संख्या हजारों तक पहुंच गई। आंदोलन में युवक युवतियों के अलावा वृद्ध महिलाएं भी शामिल हुईं।

कल्याण में सुबह तो रिक्शा , टैक्सी शुरू थी लेकिन जब शिवाजी चौक पर भीड़ एकत्र होने लगी तो एहतियातन चालकों ने रिक्शा टैक्सी बंद कर दिया। कुछ स्कूल खुले रहे व कुछ बंद रखे गए थे। 
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से सक्रिय दिखी। कल्याण रेलवे स्टेशन पर जी आर पी व आर पी एफ ने मोर्चा संभाल रखा था।कुछ आंदोलनकारियों द्वारा कल्याण स्टेशन पर एक के डी एमटी की बस में तथा दो ऑटो को तोड़कर क्षतिग्रस्त किया गया। यही नही कुछ उत्साही आंदोलनकारियों द्वारा आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकारों के साथ धक्कामुक्की की गई तथा कैमरे को छीनने का प्रयास किया गया लेकिन सक्रिय पुलिस के चलते वह विफल रहे।
क्यों हो रहा है मराठा आदोलन
मराठा समुदाय महाराष्ट्र में ओ बी सी दर्जे की मांग कर रहा है तथा पहले भी इसे लेकर आंदोलन का रास्ता अपनाया है। 2014 में कांग्रेस एन सी पी सरकार ने नौकरियों व शिक्षण संस्थाओं में मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि कुल आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक नही किया जा सकता साथ ही सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए न्यायालय ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नही मिलते की मराठा समुदाय आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार है।
मुख्यमंत्री ने रद्द किया पंढरपुर दर्शन
मराठा समुदाय की कुछ संस्थाओं ने यह धमकी दी थी कि यदि मुख्यमंत्री यहां पर आए तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा जिसके कारण मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा रद्द कर दी।

रिपोर्टर

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