दो नवजात बच्चों का समय पर इलाज़ नहीं मिलने के कारण मौत, सात दिन के अंदर अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं, तो होगा तीव्र आंदोलन - फहाद अंजुम शेख
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Aug 16, 2020
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भिवंडी।। वैश्विक महामारी कोरोना का दंश झेल रहा भिवंडी शहर के अंदर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी से शहरवासी त्रास हो चुके है.कुकुरमुत्तो की तरह फैले प्राइवेट अस्पतालों का जाल, भिवंडी मनपा प्रशासन भी लगाम लगाने में असफल साबित हुआ है.पालिका प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार तथा पूर्व अधिकारियों द्वारा किये गये लीपापोती कार्यों से इन अस्पतालों पर आज तक अंकुश नहीं लगाया जा सका। जिसके पास किसी प्रकार से डिग्री नहीं, वह भी अब प्राइवेट अस्पताल खोलकर भाड़े या कमीशन से डाॅक्टरों की नियुक्ति कर शहर वासियो का खून चूसने का गोरखधंधा कर रहे है.ज्यादा पैसे के लालच में मरीज़ों के जान से खिलवाड़ भी इन्हीं अस्पतालों द्वारा खेला जाता है।
देश में फैले वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल में इन्हीं अस्पतालों ने कोरोना के भय से अपना धंधा बंद कर दिया था.जिसके कारण शहर में कोरोना वायरस सहित अन्य रोगों से पीड़ित मरीज़ों की असंख्य मौतें हुई। कबिस्तानों में शव दफन के लिए जगह नहीं था.जिसके कारण कबिस्तान ट्रस्टियों को हाउस फुल तक बोर्ड लगाना पड़ा। इसके साथ ही श्मशान भूमि की ज्वाला कभी ठंडी तक नहीं हुआ।
मनपा प्रशासन की बागडोर संभाल रहे आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया को बार - बार इन अस्पतालों को खुली रखने के लिए अस्पताल प्रबंधको को नोटिस जारी करना पड़ा तथा नागरिकों के उपचार हेतु आदेश दिया गया.किन्तु गैंडा के चमड़ी के खाल पहने इन अस्पतालों द्वारा मनपा आयुक्त के आदेशों का खुलकर उल्लंघन किया गया.कभी स्टाफ तो कभी डाॅक्टर की कमी बताकर मरीज़ों का उपचार नहीं किये जाने का बहाना बनाते रहे।
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