श्री एकवीरा देवस्थान पर अवैध कब्जे का प्रयास

उदयभान पाण्डेय

कोली, आगरी, कुणबी, सोनार और सीेपी समाज की चेतावनी

लाभार्थी विश्वस्त भक्तों के दान का कर रहे हैं गबन 

ठाणे। कार्ला-लोनावाला स्थित श्री एकविरा देवीमां मंदिर की देखरेख व प्रबंधन श्री एकवीरा देवस्थान ट्रस्ट द्वारा किया जाता रहा है। ट्रस्ट के वैध अध्यक्ष शिवसेना उपनेता अनंत तरे हैं। लेकिन इस समय कुछ दबंग विश्वस्त अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मंदिर से पैसे का गबन कर रहे हैं। इतना ही नहीं स्थानीय गुंडों की मदद से ये तत्व मंदिर पर अवैध कब्जा जमाने की कोशिश में हैं। देवी मां को भक्तगण जो दानराशि दे रहे हैं उसका खुलेआम गबन किया जा रहा है। विदित हो यह मंदिर कोली, आगरी, कुणबी, सोनार और सीेपी समाज का पूजनीय स्थल है। मंदिर में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की जा रही है। जिसको लेकर उक्त समाज संकल्पबद्ध है। इन मुद्दों को लेकर तमाम समाज के प्रतिनिधियों ने ठाणे के शासकीय विश्रामगृह में आयोजित पत्रकार परिषद इन बातों की जानकारी दी। साथ ही राज्य सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि श्री एकवीरा देवस्थान में जारी अवैध गतिविधियों, भ्रष्टाचार को नहीं रोका गया तो लाखों देवीभक्त उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे।

मीडिया को संबोधित करते हुए श्री एकवीरा देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष अनंत तरे, उपाध्यक्ष मदन भोई, कोषाध्यक्ष नवनाथ देशमुख, विलास कुटे, मधु भोईर, विद्या ह्मात्रे, राजाराम पाटील, अरविंद भोईर, दिलीप पाटील के साथ ही कोली, आगरी, कुणबी, सीकेपी और सोनार समाज के बुद्धिजीवियों  व समाजबंधुओं ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि  श्री एकवीरा देवस्थान में आर्थिक लूटपाट व दहशत पैदा करननेवाले विश्वस्त व ग्रामीण गुंडों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए।

आरोप लगाए गए कि इन असामाजिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। जिस कारण मंदिर से कलश चोरी करनेवाले अपराधियों को अब तक पकड़ा नहीं$ गया है। ट्रस्ट अध्यक्ष अनंत तरे ने कहा कि स्थानीय पुलिस इस मामले को लेकर शुरू से ही उदासीन रही है। लेकिन अब मामला सीआईडी के पास है। सीआईडी कलश चोरों तक अवश्य पहुंचेगा। ऐसा उनका विश्वास है। अन्य समाज नेताओं का कहना था कि ट्रस्ट के जो स्वार्थी व लोभी  विश्वस्त हैं वे कलश चोरों को पकड़वाने की जगह ट्रस्ट अध्यक्ष तरे को ही हटानने की साजिश रच रहे हैं। यह सफल नहीं होगा। 

समाजनेताओं का कहना था कि जिस प्रकार ठाणे के विटावा स्थित मंदिर पर अवैध कब्जा किया गया उसी तर्ज पर एकविरा मंदिर पर भी अवैध कब्जे की साजिश शुरू है। विश्वस्त संजय गोविलकर  की हिटलरशाही, गुंडागर्दी का प्रमाण और क्या हो सकता है। उन्होंने देवस्थान के मुखय व्यवस्थापक भानुदास ह्मात्रे, विश्वनाथ गायकवाड़,$कृष्णा येलवे, संतोष कोली व मनोहर लाड को बिना ट्रस्ट की सहमति के ही सेवा से निकाल दिया। तरे का आरोप है कि देवस्थान के कार्यालय से कई सालों का पुराना रेकार्ड गायब कर दिया गया है। इसकी शिकायत स्थानीय लोणावाला ग्रामीण पुलिस से की गई है। साथ ही पुणे के सहायक धर्मदाय आयुक्त से की गई। लेकिन इसकी भी जांच अब तक नहीं की गई है। इससे साफ जाहिर है कि राज्य सरकार से जुड़े$कुछ चेहरों का उनको समर्थन व संरक्षण प्राप्त है। जिस कारण उसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही

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