
दुधारू पशुओं को हानि पहुंचा सकते हैं कानफोड़ू पटाखे-डॉक्टर पालीवाल
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Nov 05, 2020
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सुईथा कला से राजेश चौबे की रिपोर्ट
सुईथाकलाँ, जौनपुर।आगामी दिपावली त्यौहार को देखते हुए क्षेत्र के सुप्रसिद्ध पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आलोक सिंह पालीवाल ने लोगों से कानफोड़ू पटाखों का प्रयोग न करनें की सलाह दिया है।उनका कहना है कि पटाखे वातावरण में ध्वनि और वायु दोनों को प्रदुषित कर दुधारू पशुओं के लिए हानि पहुँचाते है।पशुओं में खासतौर पर सबसे कम सुनने की क्षमता दुधारू गायों और भैंसों मे होती हैं, संवेदनशीलता के कारण कानफोड़ू पटाखों की आवाज़ पर वे सहम जाते हैं।जिसका असर उनके दुग्ध उत्पादन पर पड़ता है।वहीं पटाखों से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ हवा मे घुलकर इनके श्वसन क्रिया को प्रभावित करते हैं।कानफोड़ू पटाखों से पशुओं में दुग्ध उत्पादन के साथ साथ उनमें व्यवहार परिवर्तन और श्वास सम्बन्धी बिमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।कभी कभी तेज आवाज पर गर्भवती पशुओं का गर्भपात तक हो जाता है।जिससे पशुपालकों को काफी हानि होती है।ऐसे में उन्होंने लोगों से दीयों के साथ दिपावली के त्यौहार को मनाने का अपील किया है।पटाखों के शौकीनबाजों से उन्होंने पशुशालाओं से दूर पटाखे बाजी करने की सलाह दी है।
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