ठाणे RTO में 11 कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासन हीनता की कार्रवाई ,शरद धुमाल के प्रयत्नों को मिली सफलता

भिवंडी।। शासकीय सेवा प्रवेश करते समय मत व दायित्व का विवरणपत्र प्रस्तुत न करते हुए शासन के निर्णय की अवमानना करने वाले ठाणे आर.टी.ओ. के 11 कर्मचाऱियों को अनुशासन हीनता की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है.जिस कारण परिवहन विभाग में चारों तरफ हड़कंप मच गया है.इस प्रकरण में शरद धुमाल अध्यक्ष राष्ट्रीय मानव हक्क मंच द्वारा किए गए प्रयत्नों की हर स्तर पर प्रशंसा की जा रही है.उल्लेखनीय है कि शासकीय , निमशासकीय कार्यालय में होने वाले भ्रष्टाचार व अधिकार के दुरुपयोग को नियंत्रित रखने के लिए शासन पूर्ण रूप से प्रयत्नशील है। इसी क्रम में शासन में सेवा प्रवेश करते समय कनिष्ठ कर्मचारी के रूप में सिपाही व मजदूर श्रेणी के कर्मचारी वर्ग 1 से वर्ग 3 के सभी कर्मचाऱियों को उनके मत व दायित्व का विवरणपत्र शासन के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है ।इस प्रकार का प्रमाणपत्र  प्रस्तुत न करने वाले कर्मचाऱियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का प्रावधान शासन ने 2014  के अधिनियम द्वारा की है. उक्त अधिनियम के अनुसार शासन के वर्ग 1 से 3 के कुछ  अधिकारी शासकीय सेवा में भ्रष्टाचार व अधिकार का दुरुपयोग करते हुए अवैध संपत्ति निर्माण कर रहे है.इस बाबत ठाणे आर.टी.ओ. कार्यालय का मामला प्रकाश में आया है जिसमें ठाणे आरटीओ कार्यालय के अनेक कर्मचारी भ्रष्टाचार व अधिकार का दुरुपयोग  करते हुए इनके द्वारा जमा की गई काली कमाई उजागर हुई है.इस संदर्भ में राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल के प्रयत्नों से  परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा  ठाणे आरटीओ कार्यालय के 11 कर्मचारी प्रवीण तांडेल, वरिष्ठ लिपिक सायली कोचरेकर, वरिष्ठ लिपिक शबाना इनामदार, लिपिक  सचिन तायडे, लिपिक संतोष समेल, लिपिक विकास परबत, लिपिक बलीराम कांबले, वरिष्ठ लिपिक मनीष जाधव, कनिष्ठ लिपिक  किशोर आंबेकर, कनिष्ठ लिपिक धनंजय मुकणे, कनिष्ठ लिपिक इस प्रकार कुल 11 कर्मचाऱियों के विरुद्ध अनुशासन हीनता की कार्रवाई परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा की गई है। परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल के प्रयत्नों को प्राप्त होने वाली सफलता पर इनकी प्रशंसा की जा रही है।

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