तीन कृषि अध्यादेश वापस ले केन्द्र सरकार नहीं तो किसान करेंगे आर-पार की लडाई-

चकाई से  टेकनारायण कुमार यादव की रिपोर्ट


चकाई।अखिल भारतीय किसान महासभा 

तीन कृषि अध्यादेश किसानों को गुलाम बनाने की साजिश-अखिल भारतीय किसान महासभा 

आज अखिल भारतीय किसान महासभा के द्वारा राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत चकाई प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में गांवो में अखिल भारतीय किसान महासभा के कार्यकर्ताओं एवं किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया एवं तीन अध्यादेश की प्रति जलायी बोंगी पंचायत में कामरेड संजय राय एवं कारमनी राय, गोविंद मंडल के नेतृत्व में कियाजोरी पंचायत में फूचन टूडू, शाहिद अंसारी के नेतृत्व में फरियताडीह पंचायत के वकसिला कोलहडिया में जयप्रकाश दास एवं अनिल यादव, नोदेव हांसदा के नेतृत्व में बामदह पंचायत हटिया के पास बासुदेव हांसदा, राजकिशोर किसकू के नेतृत्व में डढवा पंचायत के कोरिया गांव में मोहम्मद सलीम अंसारी सगदनीडीह मोड पर कामरेड शिवन राय, राधे साह के नेतृत्व में  भैरो सिंह के नेतृत्व में तीन अध्यादेश की प्रति जलायी गयी एवं प्रधान मंत्री का पुतला दहन किया गया ।डढवा पंचायत के कोरिया गांव में किसानों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि अगर यह कानून किसानों के पक्ष में है तो फिर किसान क्यों इस कानून का विरोध कर रहे हैं और सरकार क्यों इस कानून को लागू करने के जिद पर क्यों अडी हुई है मामला साफ है देश के किसी संगठन ने इस तरह के कानून बनाने की मांग कभी भी किसी सरकार से नहीं किया है जबकि किसानों ने स्वामी नाथन आयोग के रिपोर्ट के अनुसार लागत का डेढ गुणा समर्थन मूल्य निर्धारित कर फसलों की खरीद करने और किसानों के कर्ज माफी की मांग पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं अगर मोदी की सरकार किसानों की हितेषी होती तो किसानों के मांग के अनुरूप समर्थन मूल्य से कम पर खरीद करने पर सजा का प्रावधान करती लेकिन देश के बडे पूंजीपतियों का इस देश में अनाज के लाखों करोड़ों के व्यापार पर गिद्ध दृष्टि थी इसलिए पूंजीपतियों के पक्ष में काॅरपोरेट पक्षधर मोदी सरकार ने किसान विरोधी इस कानून को बनाया है इन कानूनों के कारण देश के खेती के क्षेत्र में कंपनियों का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा इसलिए देश का किसान अपनी जान दे देना लेकिन खेती किसानी को पूंजीपतियों का गुलाम कदापि नहीं बनने देगा मोदी की सरकार में सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र को बेचने के साथ ही अब खेती किसानी को भी गुलाम बनाने का फरमान जारी कर दिया है यदि इस बिल को वापस नहीं लिया गया तो किसान आर-पार की लडाई लड़ेगें ।सभी जगहों पर काफी संख्या में किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया

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