उच्च न्यायालय ने मोबाइल टावर‌ कंपनी को लगाई फटकार। पहले टेक्स भरो फिर होगी सुनवाई।

भिवंडी।। देश के प्रत्येक शहरों में मोबाइल कंपनियों ने मोबाइल टावरों का जाल बिछाकर रखा हुआ है। मोबाइल कंपनियों ने स्थानीय निकाय प्रशासन पर दादागिरी कर, अवैध रूप से मोबाइल टावर को लगा लेती है। इसके साथ ही स्थानीय निकाय प्रशासन को टैक्स ना भरते हुए प्रशासन द्वारा टैक्स मांगने पर कंपनियां कोर्ट में जाने की धमकी देती है.ऐसे ही भिवंडी मनपा के एक मामले में उच्च न्यायालय मुंबई ने एक मोबाइल टावर कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले स्थानीय निकाय प्रशासन को बकाया टैक्स भरों फिर सुनवाई होगी।

       भिवंडी शहर महानगर पालिका भिवंडी परिक्षेत्र अंर्तगत विभिन्न जगहों पर एटीसी टेलीकॉम इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (जो पूर्व में बी ओओएम नेटवर्क लिमिटेड के रूप में जाना जाता रहा है) ने कुल 67 मोबाइल टावर स्थापित किया है। मनपा प्रशासन ने इस मोबाइल कंपनी को 5 करोड़ 53 लाख 13 हजार रुपये बकाया टैक्स की रकम भरने के लिए नोटिस भेजा था.मोबाइल कंपनी ने मनपा का बकाया टैक्स की रकम को ना भरते हुए भिवंडी मनपा प्रशासन के खिलाफ उच्च न्यायालय मुंबई में याचिका क्रमांक  5896/2021 दावा दाखल किया था.इस दावा के सुनवाई पूर्व उच्च न्यायालय मुंबई खंडपीठ के न्यायमूर्ति सुनील पी. देशमुख व जी. एस. कुलकर्णी ने कंपनी को फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि भिवंडी मनपा का कुल मूल बकाया टैक्स की रकम 04 करोड़ 63 लाख 15 हजार 156 रुपये पहले दस दिन के भीतर कंपनी भरें.फिर याचिका की सुनवाई होगी।
        बतादें कि मोबाइल कंपनियां मनपा प्रशासन से बिना अनुमति लिये ही टावर को लगा लेती है। इन टावरों से मनपा प्रशासन द्वारा टैक्स मांगने पर कंपनियां टैक्स भरने के लिए टाल मटोल करती है। जिसके कारण मनपा प्रशासन का बकाया टैक्स की रकम बढ़ता जा रहा है।‌मनपा द्वारा लगाऐ गये टैक्स के विरोध में कंपनियां न्यायालय में दावा दाखल करती है। किन्तु इस प्रकरण में मोबाइल कंपनी को ‌मनपा प्रशासन की मूल बकाया टैक्स की रकम 10 दिन के भीतर भरने की फटकार से मोबाइल कंपनियो‌‌ पर गाज गिरी हैं।‌ 

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