पत्रकार बनकर उड़ा रहे कोव्हिड - १९ उपाय नियमों की धज्जिया

भिवंडी।। राज्य में बढ़ते कोव्हिड - 19 संक्रमण को देखते हुए सरकार ने 30 अप्रेल तक लाॅक डाउन की घोषणा किया है वही पर धारा 144 तथा नाईट कर्फ्यू जैसे कड़े नियम लागू किया है.पांच आदमियों से अधिक एक साथ इकट्ठा होने पर मनाही है.शासन व प्रशासनिक कार्यालयों में 50 प्रतिशत तक कर्मचारियों को काम पर आने की अनुमति है.यही नहीं भिवंडी मनपा प्रशासन ने आम जनता के प्रवेश पर अनिश्चितकालीन तक अपना मुख्यालय को बंद रखने का आदेश जारी किया है। 

भिवंडी मनपा मुख्यालय में सुरक्षा अधिकारियों के लापरवाही से फर्जी पत्रकार मुख्यालय में प्रवेश कर कोव्हिड नियमों तथा मनपा आयुक्त द्वारा जारी दिशा निर्देश को जमकर धज्जियां उड़ाते देखे जाते है.ऐसे पत्रकारों को समाचार संकलन से दूर तक वास्ता नहीं है किन्तु आरटीआई के दम पर कोव्हिड में कार्यरत कर्मचारियों के पोल खोल देने की धमकी देकर रौब झाड़ते रहते है.जिसके कारण रिश्वतखोर कर्मचारी इनके प्रवेश की शिकायत भी नहीं करते है जिससे इनका मनोबल और बढ़  जाता है। एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इनको मना करना मतलब मुसीबत लेना है।

फर्जी बूम व कैमरा देखकर लगाते है भीड़ :
शहर में लाॅक डाउन लगा हुआ है दुकानें ,व्यवसाय बंद है, व्यापारी वर्ग लाॅक डाउन का विरोध कर रहे है.पुलिस के सैकड़ों जवान नागरिकों की सुरक्षा हेतु सड़कों पर रूट मार्च कर रहे है. शासन ने नागरिकों को सुरक्षा हेतु अनेक कठोर कदम उठाया है.इसके विपरीत कुछ छुटभैय्या नेता इस संकट काल में अपनी राजनीति चमकाने के लिए सोशल मीडिया पर लॉक डाउन का विरोध कर रहे है. सोशल मीडिया के स्वयं घोषित पत्रकारों को अनाप सनाप इंटरव्यू देकर शहर में अफवाह फैलाना जैसे संगीन अपराध को अंजाम देने का काम कर रहे है। इसमें शासन प्रशासन के आला अधिकारी भी अछूते नहीं है. इन स्वयं घोषित पत्रकार शहर के नुक्कड़ो व चौराहो पर न्युज चैनलों जैसा बूम व माइक तथा मोबाइल कैमरा लेकर विडियो बनाते देखे जाते है जिसके कारण संचार बंदी में भी भीड़ जमा हो जाती है। इस भीड़ से कोरोना का प्रसार और बढ़ने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है क्या शासन व प्रशासन के अधिकारी ऐसे स्वयं घोषित पत्रकारों पर अंकुश लगा पायेगा इस प्रकार का सवाल शहर के वरिष्ठ व जागरूक नागरिक उठा रहे है।

रिपोर्टर

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