
मै आज कि नारी हूं
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Sep 15, 2018
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मै कमजोर नादान नहीं हूं
मै किसी कि मोहताज नहीं हूं
दबी हुई पहचान नहीं हूं
मै स्वाभिमान से जीती हूं
मै अपने अंदर रखती खुद्दारी हूं
मै आज कि नारी हूं
इस पुरुष प्रधान जगत में मैंने
आज अपना लोहा मनवाया है
जो काम मर्द करते आये अभी तक
हर काम वो करके दिखलाया है
मै आज स्वर्णिम अतीत सदृश
फिर से पुरुषों पर भारी हूं
मैं आज कि नारी हूं
आज सीमा से हिमालय तक हूं
आज खेल मैदानों तक हूं
आज जमीं से आसमां तक हूं
मै माता,बहन और पुत्री भी हूं
मैं लेखक और कवयित्री भी हूं
अपने बाहुबल से जीती हूं
मैं बिजनेस औरत व्यापारी भी हूं
मैं आज कि नारी हूं
जिस युग में दोनो नर-नारी
कदम मिला कर चलते होंगे
मै उस युग के उज्वल भविष्य की
एक आशा की चिंगारी हूं
मैं आज कि नारी हूं
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