जिला चिकित्सालय चेतसिंह में सीएमएस के पुनर्निर्मित कार्यालय का उदघाटन

ज्ञानपुर,भदोही ।। जनपद के जिला चिकित्सालय चेतसिंह में जर्जर कार्यालय का पुनर्निर्माण कर आज मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 एस0पी0 सिंह द्वारा अधीक्षक कक्ष व कार्यालय का  उद्घाटन करते हुए विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अलावा अनेक कई स्वास्थ्य अधिकारी , फार्मासिस्ट डा0एच0 के 0 त्रिपाठी और हास्पिटल कर्मचारी उपस्थित रहे।

मंगलवार को जैसे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पी.एन.सिंह ने पूर्व में अधीक्षक कार्यालय में नवनिर्मित चकबंदी कार्यालय का उद्घाटन किया। 

कार्यालय के शुभारंभ से पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एस.पी. सिंह व फार्मासिस्ट डा0 एच.के.त्रिपाठी  ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना की, और फीता काटकर कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके मुख्य चिकित्सा अधीक्षक श्री सिंह ने कहा कि पिछले काफी समय से बुरी तरह से जर्जर हो चुके कार्यालय के पुनर्निर्माण के लिए शासन ने फंड जारी करते हुए इसके पुनर्निर्माण के निर्देश दिए गये थे। जिसका उद्घाटन कोरोना के कारण आज विलंब से शुरू किया गया।

गौरतलब है कि स्थाई कार्यालय के पुर्नर्निमाण की वजह से पिछले काफी समय से अधीक्षक कक्ष व कार्यालय पुनर्निर्माण चल रहा था। अब कार्य संपूर्ण हो गया है तो आज से सीएमएस कक्ष व कार्यालय भवन जो ओटी में चल रहे था, स्थानांतरित कर दिया गया है। अब लोगों को ओटी के उपरी तल पर रहे कार्यालय से  कार्यालय संबंधी का कामों को नहीं कराना पड़ेगा। लोगों के  कार्यालय संबंधित कार्य अब पुनर्निमित नए कार्यालय में संपन्न हो सकेंगे। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावा अनेकों चिकित्सक व कर्मचारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

सीएमएस कक्ष व कार्यालय के जीर्णोद्धार में लाखों का घोटाला

जिला चिकित्सालय चेतसिंह कार्यालय के जीर्णोद्धार में लाखों का घोटाला होने की आशंका है। भवन की छत में ढ़लाई के बजाय पुराने पटिये से निर्मित छत पर मात्र मोटी सीमेंट का लेपन किया गया है। दीवारों में कई वर्ष पुराने उन्हीं ईंटों का इस्तेमाल हुआ है। जीर्णोद्धार कार्य जैसे ठेकेदार ने शुरू किया तो कई प्रश्न सामने आने लगे हैं।

जो जर्जर दीवारें रहीं उसे सीमेंट के साथ मोटी पोट्टी का प्रयोग कर उसे चमकाया गया है। लाखों ,रुपये की बचत की मंशा से शायद यह कार्य हो रहा है लेकिन इससे भवन की सुरक्षा सवालों के घेरे में है। सूत्रों के अनुसार छत की ढ़लाई लोहे की जालियां बिछाकर बनाये जाने की योजना के बजाय उपर ओर नीचे की छतों कि सिर्फ मरम्मत कराया गया है। नये कक्ष व कार्यालय निर्माण लगभग 12  लाख रुपये खर्च होने थे। लेकिन सीएमएस व फार्मासिस्ट की मिलीभगत से काफी घोटाला किया गया है। जिलाधिकारी को अवगत कराते जाने के बावजूद जांच हेतु कोई कार्यवाही न होना प्रश्नचिन्ह बनकर रह गया है।

रिपोर्टर

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